- आपदा प्रबंधनः कांगड़ा जिला के प्रयासों को मिली सराहना
- 9500 स्वयंसेवियों को किया प्रशिक्षित
- राज्य में मिला पहला स्थान
(Dharamshala News) धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जिला कांगड़ा को स्वयंसेवियों के लिए प्रशिक्षण योजना लागू करने के लिए राज्य में प्रथम पुरस्कार दिया गया है। जिला कांगड़ा में 9500 से अधिक स्वयंसेवियों को आपदा प्रबंधन की दृष्टि से प्रशिक्षित किया गया है।
उन्होने कहा कि कांगड़ा जिला में आपदा प्रबंधन को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है तथा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीम बेहतरीन तरीके से कार्य कर रही है जिसके चलते ही राज्य स्तर पर कांगड़ा जिला के प्रयासों को सराहना मिली है।
उन्होने कहा कि स्थानीय स्तर पर आपदा प्रबन्धन हेतु पूर्व तैयारी व आपदाओं के जोखिम को कम करने के लिए ग्राम स्तर पर कमेटियों का गठन भी किया गया है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन से निपटने के लिए पंचायती राज संस्थाओं, समुदाय आधारित संगठनों व ग्रामीण समुदाय को नियमित तौर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि आपदा के दौरान राहत तथा पुनर्वास के लिए कारगर कदम उठाए जा सकें।
उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और आपदा प्रबंधन पर राज्य नीति 2011 के अनुसार ग्राम स्तरीय आपदा प्रबंधन कमेटियां बनाना अनिवार्य है। इसी कड़ी में प्रत्येक ग्राम पंचायत में आपदा मित्र तैयार किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि हिमाचल प्रदेश के हिमालयी क्षेत्र में निकट भविष्य में बड़े भूकंप आने की संभावना है, जो कि बड़े विनाश का कारण बन सकता है भूंकप की दृष्टि से कांगड़ा जिला भी अतिसंवेदनशील है।
उन्होंने कहा कि भूंकपरोधी भवन निर्माण के लिए भी मिस्त्रियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है इसके साथ ही सरकारी कार्यालयों तथा विद्यालयों में आपदा को लेकर नियमित तौर पर पूर्वाभ्यास भी किया जा रहा है ताकि भूंकप जैसी आपदा से निपटने में आम जनमानस सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर सके।