आज समाज डिजिटल, Dharamshala News:
भारी बारिश के कारण चक्की खड्ड में बाढ़ से हिमाचल-पंजाब बॉर्डर पर अंग्रेजों के समय में करीब एक शताब्दी पहले बना चक्की रेलवे पुल उफान की भेंट चढ़ गया। करीब 2 हफ्ते पहले रेलवे पुल के दो पिलरों में दरारें आ गई थीं, जिसके बाद रेलवे के फिरोजपुर डिविजन ने चक्की रेल पुल को असुरक्षित घोषित कर दिया था।

अवैध खनन से खोखली हुई चक्की खड्ड

पठानकोट और कांगड़ा घाटी के बीच रेल सेवाएं बीते माह से बंद हैं। रेलवे पुल टूटने से अब लंबे समय तक 164 किलोमीटर लम्बे पठानकोट-जोगिन्दरनगर रेलमार्ग पर रेलगाड़ियों का आवागमन लम्बे समय तक शुरू नहीं हो सकेगा। दो राज्यों पंजाब व हिमाचल के बीच बहने वाली चक्की खड्ड को अवैध खनन ने पूरी तरह खोखला कर दिया।

यहां खनन माफिया की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दो प्रदेशों की सरकारें भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकी। रेलवे व पठानकोट-मंडी हाइवे पुल के 500 मीटर दायरे में प्रतिबंध के बावजूद भारी खनन से दोनों पुलों की नींव खोखली होती गई। बीते दशक में चक्की का सड़क पुल टूटने के बाद नए पुल का निर्माण किया गया था। अगर चक्की में अवैध खनन इसी तरह जारी रहा तो नए पुल को भी खतरा पैदा हो सकता है।