Dharamshala News : अब कचरा बनेगा सोना – वैभवी कौशिक

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  • अब कचरा बनेगा सोना – वैभवी कौशिक
  • सीयू में वैस्ट-टू-वेल्थ विषय परकार्यशाला आयोजित

(Dharamshala News) आज समाज-धर्मशाला। हिमाचल हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला में (cuhp dharamhala) वैस्ट-टू-वेल्थ ( waste to wealth) विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह आयोजन विश्वविद्यालय के अंग्रेजी, हिन्दी, संस्कृत, पंजाबी एवं डोगरी, शिक्षा, नव मीडिया एवं जनसंचार विभाग के संयुक्त तत्वाधान मे किया गया।

इस कार्यक्रम मे अंदरेटा (andretta) कि रहने वाली वैभवी कौशिक (समाज सुधारक) बतौर मुख्यवक्ता, विजय कौशिक विशिष्ट अतिथि व हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता अकादमिक प्रो. प्रदीप कुमार (pardeep kumar) बतौर कार्यक्रम अध्यक्ष मौजूद रहे।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वैभवी कौशिक ने विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागाध्यक्षों, छात्रों को कचरे व कबाड़ से जुगाड़ बनाने हेतु एक विसुअल प्रेजन्टैशन के माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में छात्रों को हिमाचल मे कचरा प्रबंधन कर रही हिमाचल की दो प्रमुख संस्थाएं वैस्ट वॉर्यर व हीलिंग हिमाल्या संस्था के बारे में बताया व समाज के अंदर उनके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए छात्रों को अवगत करवाया।

उन्होंने बताया कि हम किस प्रकार से कचरे से विभिन्न वस्तुएं बना सकते हैं। यह कचरा हमारे लिए सोने जैसा है यदि हम इसका पूर्ण रूप से सही इस्तेमाल करें।

उन्होंने कुछ चलचित्रों के माध्यम से छात्रों को प्रेरित करते हुए बताया कि हमारे द्वारा फेंके गए कचरे व प्लास्टिक कि वस्तुओं से वर्तमान समय में बहुत सी उपयोगी वस्तुएं बनाई जा रही हैं, जैसे कि ईंट, ईंधन, इंक, पुराने फूलों से अगरबत्ती बनाना आदि।

उन्होंने वस्तुओं के रीयूज-रीसाइकल पर जोर देते हुए कचरा नियोजन व प्रबंधन हेतु सभी से आग्रह किया।

कार्यक्रम मे विशिष्ट रूप से मौजूद विजय कौशिक ने छात्रों से उनके मन मे चल रहे सवालों को जाना व उनके उत्तर दिए। उन्होंने छात्रों से कचरा प्रबंधन पर सुझाव भी मांगे।

कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो. प्रदीप कुमार ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन मे अपने बचपन को याद करते हुए बताया कि जिस प्रकार बचपन मे अधिकतर बचे हुए प्लास्टिक व पॉलिथीन की गेंद बनाकर खेलते थे वो भी एक प्रकार से कचरा प्रबंधन का हिस्सा है।

इस कार्यक्रम मे केन्द्रीय विश्वविद्यालय के विभिन्न विभाग के शिक्षकों, शोधर्थियों व छात्रों ने भाग लिया।