Vaishakh Amavasya, आज समाज डिजिटल: हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है। अभी वैशाख का महीना चल रहा है और धार्मिक दृष्टि से इस मास की अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। ज्योतिष के अनुसार वैशाख मास भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है। वैशाख अमावस्या इस बार 27 अप्रैल (रविवार) को है।
भगवान लक्ष्मी नारायण की पूजा का विधान
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार वैशाख अमावस्या वाले दिन दान-पुण्य, पवित्र नदियों या सरोवरों में स्नान व भगवान लक्ष्मी नारायण की विधिपूर्वक पूजा का विधान है। ऐसा करने से भक्त को ने सिर्फ सभी पापों से छुटकारा मिलता है, बल्कि मृत्यु के बाद वह जातक को मोक्ष भी मिलता है।
वैशाख मास की समस्त तिथियां पुण्य देने वाली
मान्यताओं के मुताबिक वैशाख मास की समस्त तिथियां पुण्य देने वाली मानी गई हैं। इस महीने में एक-एक तिथि पर पुण्य करने से उसका कई गुना अधिक फल मिलता है। इस माह की समस्त तिथियों में भी वैशाख की जो अमावस्या तिथि है, वह मनुष्य को मोक्ष देने वाली है।
यह काम करने से मिलता है अक्षय फल
स्कंद पुराण में बताया गया है कि वैशाख मास में जब सूर्य मेष राशि में स्थित होते हैं तो पापनाशिनी अमावस्या कोटि गया के समान फल देने वाली होती है। जो प्राणी इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद पितरों के निमित्त श्रद्धा पूर्वक पिंड, जल से भरा कलश, वस्त्र और तिल दान करता है, उसे अक्षय फल मिलता है। साथ ही उसके पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
अमावस्या पर व्रत रखना भी होता है बेहद फलदायी
यदि कोई व्यक्ति पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए वैशाख अमावस्या पर व्रत रखता है और ब्राह्मणों को भोजन करवाता है व श्रद्धा भाव से अपने पितरों के निमित्त पिंडदान करता है, तो ऐसा करने से न सिर्फ उसके पितर तृप्त होते हैं, बल्कि उसे खुद भी मोक्ष मिलता है। देवताओं के लिए भी यह तिथि बहुत प्रिय मानी गई है। इसी कारण इस दिन किया गया दान आदि बेहद फलदायी होता है। अमावस्या वाले दिन राहगीरों को पानी पिलाना, पशु-पक्षियों को चारा व दाना खिलाने आदि से जीवन समृद्धि होता है।
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