Devrishi Narad Jayanti: सनसनीखेज व मसालेदार ख़बरों से बचें : एडीसी वैशाली शर्मा

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पत्रकार संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन
पत्रकार संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन
  • देवऋषि नारद जयंती के उपलक्ष्य में विश्व संवाद केंद्र की तरफ से पंचायत भवन में पत्रकार संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का किया गया आयोजन

Aaj Samaj, (आज समाज),Devrishi Narad Jayanti,प्रवीण वालिया, करनाल :

पंचायत भवन के सभागार में शुक्रवार को नारद जयंती के उपलक्ष्य में विश्व संवाद केंद्र की तरफ से पत्रकार संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। नारद स्मृति के रुप में आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न वक्ताओं ने नारद के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। साथ ही हजारों वर्ष पूर्व नारद जी के द्वारा किए गए कार्यो को आज की पत्रकारिता से जोड़ा गया। इस दौरान वर्तमान समय में पत्रकारिता की उपयोगिता के बारे में वक्ताओं ने अपने विचारों को व्यक्त किया। कार्यक्रम में जिले भर से आये सौ से अधिक पत्रकारों को सम्मानित भी किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुरुक्षेत्र विभाग संघचालक सुधीर कुमार,मुख्य अतिथि करनाल की अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. वैशाली शर्मा रही। समारोह की अध्यक्षता एब्रो इंडिया के राष्ट्रिय एचआर हेड यशपाल केहरवाला ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में इग्नु के क्षेत्रीय प्रभारी निदेशक डॉ धर्मपाल सिरोही, हरियाणा ग्रन्थ अकादमी के पूर्व वॉइस चेयरमैन वीरेंद्र चौहान, समाजसेवी अनूप भरद्वाज, अंतर्राष्ट्रीय खिलाडी मधु कुमारी तथा एशियाड खेलों के कोच जसवंत सिंह विशेष तौर पर मौजूद रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि व अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया।

वर्तमान में भी पत्रकारों का उद्देश्य लोक मंगल ही होना चाहिये: डॉ. वैशाली शर्मा

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. वैशाली शर्मा ने कहा कि नारद जी लोक मंगल की भावना व कामना के साथ तीनों लोकों में भ्रमण कर उनका हाल समाचार लेकर सूचनाओं का आदान-प्रदान करते थे। उस समय पत्रकारिता का उद्देश्य लोक मंगल ही था और वर्तमान में भी पत्रकारों का उद्देश्य लोक मंगल ही होना चाहिये। उन्होंने कहा की पत्रकारों को मसालेदार व सनसनीखेज समाचारों से बचना चाहिए। डॉ. वैशाली शर्मा ने कहा की रचनात्मक खबरों से माहौल सकारात्मक होता है। कुछ खबरे जहाँ सरकार और आम आदमी के बीच सेतु का काम करती है, इनसे आम जनता की समस्याएं प्रशाशन तक पहुँचती है वही कुछ ख़बरें समाज में वैमनस्य भी पैदा कर सकती है।

पत्रकार संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन
पत्रकार संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन

कार्यक्रम अध्यक्ष यशपाल केहरवाला ने अपने संबोधन में कहा कि पं. जुगुल किशोर शुक्ल द्वारा प्रथम समाचार पत्र उदत्त मार्तंड के माध्यम से प्रारंभ किया गया था जो नारद जयंती के दिन ही शुरू किया गया था। नारदजी विष्णु भगवान के परम भक्तों में से एक माने जाते हैं। देवर्षि नारद मुनि विभिन्न लोकों में यात्रा करते थे, जिनमें पृथ्वी, आकाश और पाताल का समावेश होता था। ताकि देवी-देवताओं तक संदेश और सूचना का संचार किया जा सके। कहा जाता है कि नारद मुनि सच्चे सहायक के रूप में हमेशा सच्चे और निर्दोष लोगों की पुकार श्री हरि तक पहुंचाते थे। इन्होंने देवताओं के साथ-साथ असुरों का भी सही मार्गदर्शन किया। यही वजह है कि सभी लोकों में उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था। उन्होंने कहा की नारद जी से सभी को संस्कारित पत्रकारिता की प्रेरणा लेनी चाहिए। मुख्य वक्ता राष्ट्रिय स्वयसेवक संघ कुरुक्षेत्र के विभाग संघ चालक सुधीर कुमार ने कहा की पत्रकारिता तथ्यों को समेटती है, उनका विश्लेषण करती है व उसके बाद उसकी अनुभूति करके दूसरों के लिए अभिव्यक्त होती है।  एक ओर इसका परिणाम दु:ख दर्द, ईष्र्या , प्रतिद्विंदता ,द्वेष व् सत्यता को बाँटना हो सकता है।  या फिर सुख शांति प्रेम व मैत्री का प्रसाद भी हो सकता है। इनमे से कौन सा विकल्प लेना है यह समाज को तय करना है।

नारद मुनि को एक संचारकर्ता के रुप में जाना जाता है: वीरेंद्र चौहान

उन्होंनेकहा की इस तरह नारद जी के भक्ति सूत्रों का विश्लेषण किया जाता है नारद जी के चरित्र का हम अध्ययन करते है तो पाते है की उन्होंने पत्रकारिता को एक अटल दृष्टि दी है।  सुधीर कुमार ने कहा की इस तरह की पत्रकारिता से मीडिया एक श्रेष्ठ समाज की रचना में सहयोगी हो सकता है। हरियाणा ग्रन्थ अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष व रेडियो ग्रामोदय के संचालक वीरेंद्र चौहान ने कहा की नारायण शब्द सुनते ही हमारे मन में जो पहली छवि बनती है वह देवर्षि नारद की होती है जो हाथ में वीना लिए भगवान विष्णु का नाम लेते हुए एक जगह से दूसरे जगह भ्रमण करते रहते हैं। नारद मुनि को एक संचारकर्ता के रुप में जाना जाता है। संचार जीवन के लिए बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा की संचार के माध्यम से ही एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से जुड़सकता है। यदि जीवन में संचार ना हों तो जीवन शून्य हो जाएगा। आज मनुष्य के पास संचार के कई साधन उपलब्ध है। रेडियो, टेलिविजन, समाचार पत्र, एवं इंटरनेट के जरिए आज एक क्षण में सारी दुनिया की खबर एक साथ पता चल जाती है। किन्तु धरती पर और परलोक में सर्वप्रथम संचार करने का श्रेय नारदमुनि को ही जाता है। उन्हें सृष्टि का पहला संवाददाता भी कहा जाता है। जो अपना काम एक पत्रकार के रुप में पूरी लगन, ईमानदारी के साथ संपूर्ण करते थे।

इंदिरा गाँधी नेशनल यूनिवर्सिटी के क्षेत्रीय प्रभारी निदेशक डॉ धर्मपाल सिरोही ने समारोह में कहा की नारद मुनी को संचार का अग्रणी माना जाता है। संचार हर जीवित जीवन के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संचार के कुछ माध्यमों के माध्यम से विचारों और जानकारी को एक-दूसरे के साथ साझा करना संभव है। पूर्व-ऐतिहासिक काल से संचार प्रक्रिया प्रचलित रही है। न केवल इंसान बल्कि पौधे और जानवर भी अपनी भाषा में संवाद करते हैं।उन्होंने कहा की देवर्षि नारद ने इस लोक से उस लोक में परिक्रमा करतेहुए संवादों के आदान-प्रदान द्वारा पत्रकारिता का प्रारंभ किया। इस प्रकार देवर्षि नारद पत्रकारिता के प्रथम पुरुष भी हैं। जो इधर से उधर घूमते हैं तो संवाद का सेतु ही बनाते हैं। दरअसल देवर्षि नारद भी इधर औरउधर के दो बिंदुओं के बीच संवाद का सेतु स्थापित करने के लिए संवाददाता का कार्य करते हैं। नारद बहुत ज्ञानी थे और इसी वजह से राक्षस हो या देवी-देवता सभी उनका बेहद आदर और सत्कार करते थे।

रणधीर राणा ने कार्यक्रम के अंत में सभी आये हुए अतिथियों व पत्रकारों का आभार वक्त किया

कुरुक्षेत्र विभाग प्रचार प्रमुख ऋषिपाल नांदल ने कहा की आज की पत्रकारिता बहुत चुनौतीपूर्ण है , हमे सच्चाई की तह तक जाकर और तथ्यों को परखकर ही कोई समाचार समाज के सामने लाना चाहिए।  कोई भी अधूरी अथवा तथ्यहीन खबर समाज व राष्ट्र के ताने बाने को नुकसान पहुंचा सकती है। उन्होंने नारद जयंती पर सभी पत्रकारों को शुभकामनायें दीं। कार्यक्रम में अनेक वरिष्ठ पत्रकारों ने भी पत्रकारिता के विभिन्न आयामों पर अपने विचार व्यक्त किये।  इस अवसर पर प्रचार विभाग के कार्यकर्ता,  जिले भर के विभिन्न पत्रकार संगठनों के प्रिंट , इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया के सौ से अधिक प्रतिनिधि मौजूद रहे। मंच का संचालन वरिष्ठ पत्रकार शैलेन्द्र जैन ने किया। मीडिया सवाद प्रमुख रणधीर राणा ने कार्यक्रम के अंत में सभी आये हुए अतिथियों व पत्रकारों का आभार वक्त किया।

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