दर्शनमात्र से ही मिट जाते हैं श्रद्धालुओं सारे कष्ट Devotees All Troubles Are Erased By Mere Sight

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आज समाज डिजिटल, अम्बाला
Devotees All Troubles Are Erased By Mere Sight :
खाटू श्याम धाम का फाल्गुन मेला प्रसिद्ध है। फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि इस मेले का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। खाटूश्याम जी मंदिर में लक्खी मेला 6 मार्च से शुरू हो चुका है, जोकि 15 मार्च तक चलेगा। इस मेले में देशभर से लाखों भक्त पहुंचेंगे, जिसे देखते हुए प्रशासन में काफी इंतजाम किए हुए हैं।

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एकादशी तिथि महत्वपूर्ण दिन Devotees All Troubles Are Erased By Mere Sight

खाटू श्याम जी का मंदिर राजस्थान में ही नहीं बल्कि समूचे भारत में ख्याति फैल चुकी है। राजस्थान के सीकर जिले में स्थित बाबा श्याम के मंदिर पर लाखों लोग दर्शन के लिए आते हैं। श्याम बाबा को भगवान कृष्ण का कलियुगीन अवतार माना जाता है और उनके धड़ विहीन शीश की ही पूजा होती है। खाटू श्याम धाम का फाल्गुन मेला काफी प्रसिद्ध है। फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि महत्वपूर्ण दिन होता है। ऐसा माना जाता है कि खाटू बाबा के दर्शनमात्र से ही श्रद्धालुओं के जीवन के सारे कष्ट मिट जाते हैं।

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श्रीकृष्ण ने बर्बरीक जी को दिया वरदान Devotees All Troubles Are Erased By Mere Sight 

खाटू श्याम बाबा से जुड़ा एक अत्यंत रोचक प्रसंग सुनने को मिलता है। कहते हैं कि जब महाभारत युद्ध होना सुनिश्चित हुआ तो एक वीर वनवासी युवक ने अपनी मां से उस युद्ध में भाग लेने की आज्ञा मांगी। मां ने अनुमति देते हुए कहा- ‘जा बेटा! हारे का सहारा बनना। उसने अपनी मां को वचन देते हुए कहा कि वे हारे का ही सहारा बनेंगे। धार्मिक मान्यताओं अनुसार वह वीर नवयुवक भीम और हिडिम्बा के पुत्र घटोत्कच का पुत्र बर्बरीक था। श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को वरदान दिया था कि कलयुग में लोग उन्हें उनके अवतार की तरह पूजेंगे।

क्यों चढ़ाया जाता है श्याम बाबा को निशान? Devotees All Troubles Are Erased By Mere Sight

सनातन संस्कृति में ध्वजा विजय की प्रतीक मानी जाती है। श्याम बाबा द्वारा किए गए बलिदान शीश दान के लिए उन्हें निशान चढ़ाया जाता है। यह उनकी विजय का प्रतीक माना जाता है क्योंकि उन्होंने धर्म की जीत के लिए दान में अपना शीश ही भगवान श्री कृष्ण को समर्पित कर दिया था।

Devotees All Troubles Are Erased By Mere Sight : निशान केसरी, नीला, सफेद, लाल रंग का झंडा होता है। इन निशानों पर श्याम बाबा और भगवान कृष्ण के फोटो लगे होते है। कुछ निशानों पर नारियल और मोरपंखी भी सजी होती है। आजकल कई भक्तों द्वारा सोने और चांदी के भी निशान श्याम बाबा को अर्पित किये जाते हैं। निशान यात्रा में नंगे पांव चलना सबसे उत्तम माना जाता है। अपना निशान प्रभु के चरणों मे समर्पित करते हुए बाबा की असीम कृपा की प्रार्थना करनी चाहिए।

क्या होती है निशान यात्रा? Devotees All Troubles Are Erased By Mere Sight

निशान यात्रा एक तरह की पदयात्रा होती है जिसमें भक्त अपने हाथों में श्री श्याम ध्वज हाथ में उठाकर श्याम बाबा को चढाने खाटू श्याम जी मंदिर तक आते है। इसी श्री श्याम ध्वज को निशान कहा जाता है। यह यात्रा रींगस से खाटू श्याम जी मंदिर तक की जाती है जो कि 18 किमी की यात्रा है। इस यात्रा के अंतर्गत भक्त अपनी श्रद्धा से अपने घर से शुरू करते हैं। ऐसा माना जाता है कि पैदल निशान यात्रा करके श्याम बाबा को निशान चढाने से बाबा शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामना को पूर्ण करते हैं।

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Devotees All Troubles Are Erased By Mere Sight: ऐसी मान्यता है कि निशान यात्रा में शामिल होकर भगवान खाटूश्याम को ध्वज चढ़ाने से हर तरह की परेशानी दूर हो सकती है। मंदिर परिसर में एक कुंड भी है, जिसे श्याम कुंड (Shyam Kund) कहा जाता है।

Devotees All Troubles Are Erased By Mere Sight: श्याम कुंड के बारे में मान्यता है की जहां बाबा का शीश जिस धरा पर अवतरित हुआ था उस स्थान को श्याम कुंड के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है की श्याम कुंड में यदि कोई भक्त सच्चे मन से डुबकी लगाता है तो उसके सारे पाप कट जाते हैं।

श्याम कुंड में डुबकी लगाने की महत्व Devotees All Troubles Are Erased By Mere Sight

मंदिर परिसर में ही एक कुंड है, जिसे श्याम कुंड कहा जाता है। फाल्गुन मेले के दौरान श्याम कुंड में डुबकी लगाना अत्यधिक शुभ माना जाता है। खाटू स्थित श्याम कुंड वाली जगह पर ही बर्बरीक का शीश पहली बार प्रकट हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि श्याम कुंड में स्नान करने से भक्तों में सकारात्क ऊर्जा का संचार होता है। वह बीमारियों और व्याधियों से मुक्त हो जाता है। इसलिए बड़ी संख्या में फाल्गुन मेले के दौरान भक्त श्याम कुंड में स्नान करते हैं।

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