Aaj Samaj (आज समाज),Devi Chitralekha-Katha 5th Day,पानीपत : रोज़ भगवान् के आगे हृदय से ये भाव निकलना चाहिए कि …हे प्रभु …!!! हमारी सामर्थ्य नहीं है हमारी भक्ति नहीं है हे दीनबंधू आप तो सब पर कृपा करते हो हम पर भी कृपा कीजिये हमारे भी इस जीवन के लक्ष्य को पूरा कीजिये प्रभु मैं अधम कैसे आपको प्राप्त करूँ मेरी तो औकात नहीं के मैं आपके सामने भी आ सकूँ लेकिन प्रभु तुम कृपा करोगे तब ही आपकी प्राप्ति संभव है।
जब ये भाव आता है तब गोविन्द कृपा करते हैं।
सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस में आज देवी चित्रलेखाजी ने बताया की बीते 4 दिन की कथा श्रवण करने की थी जिसे धारण करना था। परंतु अब 3 दिन की कथा को महसूस करना है देखना है और भाव क साथ मिल कर भगवान् की लीलाओं में शामिल होना है। देवीजी ने सर्व प्रथम बताया की कैसे भगवान् का दर्शन करने सारी सृष्टि नन्दभवन की ओर प्रस्थान करने लगी। समस्त ग्राम वासी, देवता, गंधर्व, आदि आदि भगवान् के बाल स्वरुप का दर्शन करने पधारे। और माता यशोदा ने नंदमहल के सारे भण्डार खोल दिए नंद बाबा ने झोली भर भर बधाइयाँ लुटाई। आज सबकी इच्छा पूरी हो रही है कुबेर ने भण्डार खोल दिया है और लोग ऐसे बधाइयाँ लूटा रहे है जैसे गोविन्द के उन्ही की घर जन्म लिया हो।
फिर भगवान् की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए बताया के बिना भाव के भक्ति संभव नहीं। भाव होने से भगवान् खुद भक्त को समर्पित हो जाते है जीव को भगवान के साथ किसी किसी रिश्ते से जुड़ना पड़ता है चाहे भगवान् को वह अपना पिता स्वीकार करे मित्र या फिर प्रियतम। प्रसंगों में देवीजी ने कंश मामा द्वारा भेजी गयी पूतना, सकटाशुर, वकाशुर आदि आदि राक्षसों के वध की कथा सुनाई और यमला अर्जुन नाम के दो शापित वृक्षों को भगवान् की बाल लीला द्वारा मुक्त कराने की कथा सुनाई। आगे भगवान की लीला में माखन चोरी का प्रसंग बताया की कैसे भगवान् ने माखन के साथ गोपियों का मन चुराया और गोपियों के चीर हरण कर के उन्हें पवित्र जल श्रोतों में न स्नान करने की शिक्षा दी।
पश्चात भगवान् की 7 वर्ष की उम्र में की गयी गोवर्धन लीला का श्रवण कराया की कैसे भगवान् ने इंद्रदेव का घमंड चूर किया और इष्ट श्रद्धा का पाठ वृजवाषियों को पढाया। भगवान् ने गिरिराज पर्वत उठा कर इंद्र द्वारा की गयी मूशलधार बारिश से वृजवाषियों को शरण दी। कथा के मध्य गाये गए भजनों पर भक्तो ने झूम झूम कर नृत्य किया। और मनोहर झांकियों के द्वारा कथा का दर्शन पान कराया गया। आज के मुख्य अतिथि महेंद्र मुंजाल, रमेश जिंदल, अंजु भाटिया धर्मपत्नी सांसद संजय भाटिया, राजीव जैन, रमेश जांगड़ा, श्रीनिवास वत्स, संजय सिंह, अंकित गोयल, सुभाष कंसल, बबलु राणा, कपिल गोयल, मनोज जैन, गोपाल रोहिल्ला, राम निवास, लोकेश शर्मा, सुभाष कौशिक, निमाई मास्टर, हरीश चुघ बाकी और संस्था के सभी पदाधिकारी कथा में मुख्य रूप से मौजूद रहे