नई दिल्ली। महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच कुछ ठीक होता नहीं दिख रहा है। विधानसभा चुनावों के इतने दिनों बाद भी दोनों के बीच में बयानबाजी जारी है। दोनों अपने स्टैंड पर है वह किसी तरह का हल निकालने के लिए प्रयासरत नहीं दिख रहीं हैं। नौ नवंबर को महाराष्ट्र सरकार का अंतिम दिन था। लेकिन आज शुक्रवार को ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल कोश्यारी को अपना इस्तीफा पत्र सौंपा। बता दें कि शिवसेना बार-बार मुख्यमंत्री पद की साझेदारी पर अड़ी है। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के हवाले से कहा गया कि भाजपा उनसे तभी संपर्क साधे जब मुख्यमंत्री पद शिवसेना को देने के लिए तैयार हो। भाजपा के सीएम देवेंन्द्र फणनवीस ने अपना इस्तीफा सौपनें के बाद शिवसेना पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैंने व्यक्तिगत तौर पर उद्धव ठाकरे को फोन किया, मगर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद देवेंद्र फडनवीस ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है।बीते पांच साल मुझे महाराष्ट्र के लोगों की सेवा करने का मौका मिला और मैं इसका शुक्रगुजार हूं। आगे उन्होंने कहा कि बीते दस-बारह दिनों में शिवसेना ने ख्ूाब बयानबाजी की।देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शिवसेना का पीएम मोदी पर बयान अस्वीकार्य है। महाराष्ट्र में जनादेश गठबंधन को मिला है केवल भाजपा या शिवसेना को नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना ने ऐसे शब्द कहे जो आज तक विरोधियों ने भी नहीं कहे। लगता है कि शिवसेना भाजपा से रिश्ता नहीं रखना चाहती है। सरकार गठन में देरी के लिए शिवसेना जिम्मेदार है। भाजपा कभी बाला साहेब का अपमान नहीं कर सकती है। भाजपा से शिवसेना की बात नहीं लेकिन एनसीपी से उनकी बात होती रही। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी राजनीतिक पार्टी हमारी दुश्मन नहीं है।