Development Fee Burden On Common Man विकास शुल्क आम आदमी पर बोझ: सूरजमल रोज
संजीव कौशिक, रोहतक :
Development Fee Burden On Common Man : प्रदेश की खट्टर सरकार की ओर से लागू भारी भरकम विकास शुल्क का नया नोटिफिकेशन आम आदमी के सिर से छत छीन लेगा। महंगाई ने पहले ही जनता का पसीना निकाल रखा है, अब ये विकास शुल्क की भारी वृद्वि लोगों की जान निकालने वाली साबित होगी। सरकार ने इस फैसले को तत्काल वापस नहीं लिया तो इसके विरोध में व्यापक आंदोलन चलाया जाएगा।
पूर्व पार्षद ने नोटिफिकेशन रद्द करने की चेतावनी दी
पूर्व पार्षद सूरजमल रोज ने यह चेतावनी मंगलवार को दी। उन्होंने कहा कि नगर निकाय क्षेत्रों में की गई विकास शुल्क बढोत्तरी का नोटिफिकेशन तुरंत रद्द किया जाना चाहिए। (Development Fee Burden On Common Man) सरकार ने जनता के ऊपर यह विकास नहीं विनाश शुल्क थोपा है। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में कोरोना महामारी ने व्यापारी, छोटे दुकानदार, किसान-मजदूरों के पहले ही काम धंधे चौपट कर रखे हैं, ऊपर से महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है। अब विकास के नाम पर अनाप-शनाप शुल्क वसूल कर खट्टर सरकार लोगों का जीना मुश्किल करना चाहती है।
शुल्कों की दरों में 10 गुना बढ़ोतरी
सूरजमल रोज ने बताया कि शहरी स्थानीय निकाय विभाग के इस नये नोटिफिकेशन से शुल्क दरों में 10 गुना तक बढोत्तरी होगी। (Development Fee Burden On Common Man) पूर्व में कांग्रेस की भूपेन्द्र हुड्डा सरकार के समय लाल डोरे (पुरानी आबादी) में कोई शुल्क नहीं देना पडता था, लेकिन वर्तमान भाजपा-जजपा सरकार ने उस पर भी विकास शुल्क लगा दिया। जो विकास शुल्क पहले 100 गज के प्लाट पर 120 रुपये के हिसाब से 12,000 रुपये बनता था, इस ताजा फैसले के बाद 50 से 70 हजार तक चुकाना पडेगा। (Development Fee Burden On Common Man) उन्होंने बताया कि एक साधारण आदमी 100 वर्ग गज तक ही जमीन लेकर मकान बनाने की बामुश्किल जुगत भिड़ाता है, लेकिन खट्टर सरकार ने 100 गज के नक्शे पास करवाने पर ही एकमुश्त 2 लाख रुपए का काला कानून थोप दिया है, जो सरासर नाजायज है।
पुराने जमा टेक्स पर जमा करानी होगी अंतर की राशि
इतना ही नहीं, जिन लोगों ने पहले से विकास शुल्क जमा करा रखा है और किसी कारण से निर्माण नहीं करा पाए, उनको भी नयी दरों के हिसाब से अंतर की धनराशि शुल्क के रूप में चुकानी पड़ेगी। ये कानून प्रजातंत्रिक शासन के नहीं बल्कि तानाशाही राज के तहत बनाए जाने वाले नजर आते हैं। आर्थिक तंगी की शिकार जनता से विकास शुल्क के नाम पर लूट न केवल लोगों की जेब पर डाका है,(Development Fee Burden On Common Man) बल्कि ये सरेआम तहसील-नगर निकाय स्तर पर भ्रष्टाचार को न्योता है। विभिन्न टैक्सों के नाम पर खट्टर सरकार की ये नाजायज वसूली जनता का खून चूसने के स्तर तक पहुंच गई है, जो असहनीय है।
फैसला वापस नहीं लेने पर आंदोलन की चेतावनी
सूरजमल रोज ने भाजपा-जजपा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ये फैसला सरकार ने तत्काल वापस नहीं लिया तो किसान आंदोलन की तर्ज पर आमजन को एकजुट कर अनिश्चितकालीन आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनता यदि किसी को सत्ता के शिखर पर पहुंचाना जानती है तो धोखा होने पर उस शिखर से धड़ाम गिराना भी जानती है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले सात साल से भ्रष्टाचार चरम पर है, काम हो नहीं रहा तो जनता से किस प्रकार का विकास के नाम पर ये भारीभरक शुल्क वसूला जा रहा है, क्योंकि आंकड़े गवाह हैं कि पिछले सात साल में हरियाणा पर साढ़े तीन गुना यानी ढाई लाख करोड रुपये का कर्जा हो गया है। जबकि प्रदेश में पैसा कहीं लगा हुआ नजर नहीं आता। सरकार इस कर्ज पर जनता के सामने श्वेत पत्र जारी करे, शुल्क बढ़ोतरी को वापस ले और ईमानदारी का ढोल पीटना बंद करे।