डेवेलपरों ने इनोवेशन का पेटेंट हासिल किया
आज समाज डिजिटल, मंडी:
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के इनोवेटर विद्यार्थियों और फैकल्टी ने मिलकर एक स्मार्ट रोड मॉनिटरिंग सिस्टम का विकास किया है जो तेज/अंधेरे मोड़ पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के साथ-साथ मृत्यु और जख्मी होने के मामलों को भी कम करेगा और साथ में यातायात प्रबंधन में भी सहायता करेगा। यातायात बढ़ने से सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण और उन्हें रोकना लोगों के लिए चुनौती बन जाती है और खासकर पहाड़ी इलाकों में यातायात प्रबंधन और अधिक कठिन हो जाता है। हालांकि इन परिस्थितियों में यातायात पुलिस की मदद, कन्वेक्स मिरर लगना और अन्य तकनीक सहायक हैं, पर बारिश, बर्फ और कोहरे के कठिन मौसम और तेज मोड़ों की अधिक संख्या हो तो यातायात प्रबंधन मुश्किल हो जाता है।
इस समस्या को दूर करने के लिए आईआईटी मंडी के स्कूल आॅफ इंजीनियरिंग में सहायक प्रोफेसर डॉ. कला वेंकट उदय ने 2016-20 बैच बीटेक विद्यार्थियों की अपनी टीम के साथ के एक मॉनिटरिंग सिस्टम का विकास किया है। इसमें माइक्रो-इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम (एमईएमएस) और इंटरनेट आॅफ थिंग्स (आईओटी) प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर स्पीड का पता लगने, वाहनों की संख्या जानने, सड़क के बेहतर नियंत्रण और उपयोग में मदद मिलेग्ी। इस टीम में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के नमन चौधरी और शिशिर अस्थाना (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के अमुधन मुथैया और सिविल इंजीनियरिंग की निधि कडेला शामिल हैं। इस सिस्टम में मोड़ के प्रत्येक तरफ पहचान इकाइयों की दो परतें हैं और ड्राइवरों को सतर्क करने के लिए दो सिग्नलिंग इकाइयां हैं। डिटेक्शन यूनिट की लगतार दो परतों से किसी वाहन के गुजरने पर सेंसिंग सिस्टम वाहन की गति, दिशा और यह किस प्रकार (दो/चार/अधिक पहियों) का है, इसका पता लगा लेता है। इस तरह दिशा का पता लगने से इसकी पुष्टि होती है कि वाहन मोड़ की ओर बढ़ रहा है और आने वाले वाहन के चालकों को सतर्क करने के लिए दूसरी तरफ संकेत (प्रकाश/ध्वनि/बैरियर) दिया जाता है। यदि वाहन मोड़ से दूर जा रहा है तो कोई संकेत नहीं दिया जाता है। ये सिग्नल वाहन की गति, दिशा, ढलान की ढाल और वाहन के प्रकार के आधार पर दिए जाते हैं। इस इनोवेशन के उपयोगें के बारे में आईआईटी मंडी के स्कूल आॅफ इंजीनियरिंग के सहायक प्रोफेसर डॉ. केवी उदय ने कहा, यह तकनीक न केवल तेज मोड़ पर होने वाली दुर्घटनाओं का खतरा कम करेगी, बल्कि यातायात प्रबंधन में लोगों की भूमिका कम करने में भी मदद करेग्ी। इसकी मदद से यातायात प्रबंधन और इस संबंध में निर्णय लेने में भी मदद मिलेग्ी।
यह सिस्टम मोड़ पर चेतावनी देने के साथ-साथ वाहनों की गिनती का काम भी करेगा और इसका एडवांस्ड वर्जन वाहन के भार का पता लगने में भी सक्षम होग।
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