Aaj Samaj (आज समाज), Devastating Sikkim Deluge, गंगटोक: पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम के उत्तरी इलाके में स्थित ल्होनक लेक पर बादल फटने के कारण आई बाढ़ से अब तक 14 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की गई है। सेना के 22 जवानों समेत 100 से ज्यादा लोग अभी लापता हैं। अधिकारियों के अनुसार सिक्किम में रात करीब डेढ़ बजे शुरू हुई बाढ़ के बाद जलस्तर बढ़ने के चलते चुंगथांग बांध से पानी छोड़ना पड़ जिस कारण स्थिति बदतर हो गई।
- उत्तरी इलाके के मंगन जिले में पड़ती है ल्होनक लेक
- समुद्र तल से झील की ऊंचाई लगभग 17000 फीट
सिंगताम में बहा स्टील का पुल
राज्य की राजधानी गंगटोक से 30 किमी दूर सिंगताम में इंद्रेनी पुल के नाम से जाना जाने वाला स्टील का पुल बुधवार तड़के उफनती तीस्ता नदी में पूरी तरह से बह गया। गंगटोक के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) महेंद्र छेत्री ने बताया कि गोलिटर और सिंगतम क्षेत्र से पांच शव बरामद किए गए। मृतकों में से 3 उत्तरी बंगाल में बह गए। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि 45 लोगों को बचाया गया, है जिनमें 18 घायल हैं।
केदारनाथ त्रासदी की यादें ताजा, सेना के 41 वाहन मलबे में दबे
कई सैन्य प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचा है। सेना के 40 से ज्यादा वाहन भी मलबे में दब गए हैं। तेज बहाव व बाढ़ के मलबे के कारण दर्जनों घर और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कहा जा रहा है कि त्रासदी के इस मंजर ने 2013 की केदारनाथ त्रासदी की यादें ताजा कर दी हैं। रक्षा विभाग के पीआरओ (गुवाहाटी) के अनुसार घटना राज्य के उत्तरी इलाके में पड़ते मंगन जिले की है। जिले के ऊंचाई वाले इलाके चुंगथांग की गोद में स्थित मीठे पानी की साउथ ल्होनक नेचुरल लेक में मंगलवार रात को बादल फटा और इससे झील में बढ़े पानी के कारण घटनास्थल के पास लगती तीस्ता नदी में भी उफान आ गया।
तेज बहाव के साथ आए मलबे ने सैन्य शिविरों को चपेट में लिया
पानी के तेज बहाव के साथ आए मलबे ने सैन्य शिविरों को अपनी चपेट में ले लिया। पीआरओ ने बताया कि लापता सेना के जवानों की तलाश का काम लगातार जारी है। सेना की 41 गाड़ियां पानी के साथ आए मलबे में दब गई हैं। डिफेंस पीआरओ के मुताबिक समुद्र तल से ल्होनक लेक की ऊंचाई लगभग 17000 फीट है और यह झील लगभग 260 फीट गहरी व दो किलोमीटर लंबी। झील की चौड़ाई आधा किलोमीटर है।
बड़ी मात्रा में झील में पानी आने से इसकी दीवारें टूटीं
बादल फटने से अचानक बहुत बड़ी मात्रा में आया पानी झील के कैचमेंट एरिया में आ गया, जिस कारण इसकी दीवारें टूट गईं। झील ऊंची पहाड़ियों के बीच है, इसलिए भारी मात्रा पानी पत्थर व मलबा बहुत तेजी से निचले इलाकों की ओर आने लगा और यह लगभग सारा नीचे बह रही तीस्ता नदी में समा गया। इससे नदी के जलस्तर में अचानक 20 फीट की बढ़ोतरी हो गई। आमतौर पर तीस्ता नदी का रंग हरा रहता है और अचानक पानी के साथ आए पत्थर व मलबे के कारण इसका रंग पीला और मटमैला हो गया।
एक तरह से जल विस्फोट
लाचेन घाटी में ल्होनक लेक पड़ती है और एक तरह से उस एरिया में जल विस्फोट हो गया है। केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार, तीस्ता नदी का जलस्तर बुधवार दोपहर एक बजे तक खतरे के निशान से नीचे था। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार देर रात बादल फटने से तीस्ता नदी में भीषण बाढ़ आ गई और इसमें पांच लोगों की मौत हो गई और सेना के 23 जवान भी लापता हो गए।
पीएम मोदी ने सीएम प्रेम सिंह तमांग से की बात
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने सिक्किम में आई भीषण बाढ़ को लेकर सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग से बात कर उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया है। एक्स पर पोस्ट में पीएम ने कहा कि सिक्किम के हालातों को लेकर राज्य के सीएम से बात की और उनसे दुर्भाग्यपूर्ण प्राकृतिक आपदा की स्थिति के बारे में जानकारी ली। ्रप्रधानमंत्री ने कहा कि सिक्किम में किसी भी चुनौती से निपटने में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया गया है। उन्होंने कहा, मैं प्रभावित लोगों की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रार्थना करता हूं।
बाढ़ग्रस्त इलाकों से करीब 4000 लोगों को निकाला गया
गंगटोक के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट महेंद्र छेत्री ने बताया कि गोलिटार और सिंगतम इलाके से पांच लोगों के शव बरामद किए गए हैं। इसके अलावा गोलिटार से तीन लोगों को बचाया गया है। पाक्योंग के जिला मजिस्ट्रेट ताशी चोपेल ने बताया कि अचानक आई बाढ़ से कई इमारतों और वाहनों को नुकसान पहुंचा है। जानमाल के नुकसान की भी खबरें सामने आई हैं। बाढ़ के बाद से करीब चार हजार लोगों को निकाला गया है। साथ ही जिले में 5 राहत शिविर भी खोले गए हैं।
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