Himachal News (आज समाज) शिमला। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार पंचायती राज संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण व उन्हें और अधिक शक्तियां प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है इसी उद्देश्य से राज्य की सभी ग्राम पंचायतों का समान विकास सुनिश्चित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की लगभग 90 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, जिन्हे शहरों की तरह हर प्रकार की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सरकार के कार्यक्रमों एवं योजनाओं का लाभ शहरों के साथ-साथ गांवों के दूरदराज क्षेत्र के लोगों तक पहुंचे, इसके लिए अधिकारियों एवं कर्मचारियों की अहम भूमिका होती है।
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए मनरेगा के तहत वर्ष 2022-23 में 28 हजार कार्य मनरेगा के तहत स्वीकृत किए गए थे जबकि पिछले वर्ष भारी बरसात के कारण पूरे प्रदेश में हुए नुकसान के मद्देनजर सरकार द्वारा बहुत से अन्य कार्यों को भी मनरेगा के तहत करवाने के निर्णयानुसार वर्ष 2023-24 में एक लाख 24 हजार कार्य स्वीकृत किए गए हैं जिनके निर्माण शुरू करने एवं पूर्ण करने की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों की होती है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष करोड़ों रुपए की राशि मनरेगा कार्यों के लिए रखी जाती है, लेकिन कुछ कार्यों के निर्माण के लिए भूमि चयन व अन्य औपचारिकताएं पूर्ण करने में देरी के चलते यह राशि खर्च नहीं हो पाती।
उन्होंने मनरेगा कार्य एवं एनआरएलएम कार्यों में तेजी लाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह अपने अधीन इन कार्यों से जुड़े सभी तकनीकी कर्मचारियों के साथ समीक्षा बैठक कर निर्माण कार्यों में तेजी लाएं ताकि शत प्रतिशत राशि खर्च की जा सके।