Himachal Weather Allert (आज समाज), शिमला: प्रदेश में मानसून की शुरुआत में ही तबाही का मंजर सामने आया है। प्रदेश में मानसून आने के बाद पहले दिन ही हुई मुसलाधार बारिश के चलते कई जगह भूस्खलन दिखाई दिया। इससे जहां सड़क यातायात बाधित हुआ वहीं भूस्खलन की चपेट में आने से कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। राहत की बात यह है कि अभी तक किसी तरह की कोई जनहानि की सूचना सामने नहीं आई है। इससे पहले गुरुवार को प्रदेश में मानसून ने दस्तक दी। हालांकि इस बार मानसून पिछले साल के मुकाबले कुछ देरी से पहुंचा है।
जिससे लोगों को गर्मी का लंबे समय तक सामना करना पड़ा। गर्मी के चलते फसलों और बगीचों पर प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिला है। दूसरी तरफ शुक्रवार को हुई बारिश के कारण राजधानी शिमला में जगह-जगह भूस्खलन, मलबा आने से व्यापक नुकसान हुआ है। करीब आठ गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। शहर के मल्याणा, चमियाना, भट्ठाकुफर, मिनी कुफ्टाधार सहित अन्य स्थानों पर भारी नुकसान हुआ है। चमियाना में नाले के पास खड़ी तीन गाड़ियां मलबे में दब गईं। वहीं मल्याणा में पहाड़ी से बड़ी-बड़ी चट्टानें सड़क किनारे पार्क चार गाड़ियों पर गिर गईं। इससे दो गाड़ियां चकनाचूर हो गईं।
गुरुवार रात को इतनी बारिश दर्ज की गई
गुरुवार रात को जुब्बड़हट्टी में 136.0, शिमला 84.0, गोहर 42.0, मशोबरा 38.0, सलापड़ 34.6, कुफरी 24.2, बिलासपुर 22.0, घागस 18.8, करसोग 18.2, काहू 16.0 और ढंल्लङ्मिँ में 12.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। देर रात हुई बारिश से गिरि में भी गाद आने से आपूर्ति घटी है। हालांकि ग्रामीण इलाकों में सूखे से बंद पड़ी पेयजल योजनाओं में फिर आपूर्ति शुरू होने से राहत मिली है।
पिछले साल हुई थी रिकॉर्ड तबाही
ज्ञात रहे कि पिछले साल मानसून सीजन में बादल फटने और बाढ़ आने की बहुत ज्यादा घटनाएं सामने आई थी। जिससे प्रदेश में कई हजार करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ था। शिमला-मनाली राजमार्ग पूरी तरह से तबाह हो गया था और प्रदेश भर में सैकड़ों लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी। इसके बाद अभी तक पिछले साल तबाह हुए प्रोजेक्ट दोबारा शुरू नहीं हो पाए हैं।