NUH NEWS : उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने पर्वतारोही राकेश कादियान को उपलब्धि पर दी बधाई

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उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा पर्वतारोही राकेश कादियान को भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए
नूंह/तावडू (आज समाज) आदर्श गर्ग : बुलंद हौंसले, सच्ची लगन व पूरी शिद्दत के साथ किसी उच्च लक्ष्य को प्राप्त किया जाए तो ऐसी उपलब्धि न केवल अन्य लोगों के लिए प्रेरणास्रोत होती है, बल्कि युगों-युगों तक उस कार्यों को याद किया जाता है। अपने बुलंद हौंसले व साहस के साथ ऐसा ही कारनामा नूंह जिला जेल में जेल वार्डर के पद पर कार्यरत व जिला झज्जर के गांव सिवाना निवासी राकेश कादियान ने किया, जिन्होंने हाल ही में विश्व की पहली सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) व विश्व की चौथी ऊंची चोटी माउंट लोहतसे (8516 मीटर) पर पहुंचकर राष्टï्रीय गौरव का प्रतीक भारत का झंडा तिरंगा फहराया।
उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने पर्वतारोही राकेश कादियान को उनकी इस उपलब्धि पर विशेष बधाई दी तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उपायुक्त ने कहा कि जिला नूंह के लिए यह गौरव के क्षण हैं, क्योंकि इस जिला में जेल विभाग में कार्यरत कर्मचारी ने विश्व की सबसे ऊंची चोटी को फतह किया है। उन्होंने कहा कि ऐसी उपलब्धि पाने के लिए कड़ी मेहनत व संघर्ष करना पड़ता है, जिसके लिए व्यक्ति के बुलंद हौसले व बड़े साहस की आवश्यकता रहती है। राकेश कादियान की यह उपलब्धि जिला नूंह के युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। पर्वतारोही राकेश कादियान ने अपनी इस उपलब्धि के खुशी के क्षण उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा से मिलकर सांझे किए तथा माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए की गई तैयारी व परिवारजनों के सहयोग व उत्साहवर्धन के बारे में जानकारी दी।
पर्वतारोही राकेश कादियान ने अपनी यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उनका 16 सदस्यीय दल 12 अप्रैल 2024 को काठमांडू पहुंच गया था। इसके बाद वे करीब 5350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बेस कैंप में पहुंचे और वहां उन्होंने माउंट एवरेस्ट पर चढऩे की तैयारी की। इसके बाद उसने 20 मई 2024 को बेस कैंप से चढ़ाई शुरू की और वह 23 मई 2024 को प्रात: 8 बजे विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पहुंचे और भारत देश की शान राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इसके बाद वे 25 मई को विश्व की चौथी ऊंची चोटी माउंट लोहतसे पर पहुंचे और राष्ट्रीय ध्वज फहराकर जिला नूंह व हरियाणा प्रदेश व देश का नाम विश्व में रोशन किया।
राकेश कादियान ने बताया कि उनका बचपन से ही शारीरिक अभ्यास करने व एथलीट प्रतियोगिताओं में भाग लेने का शौक रहा है। इसी कारण आज करीब 45 वर्ष की उम्र में भी प्रतिदिन वे सुबह कई घंटे शारीरिक अभ्यास करते हैं। उन्होंने बताया कि इस यात्रा के दौरान उन्हें केवल कम तापमान जैसी परिस्थितियों से तो परेशानी हुई, लेकिन शारीरिक रूप से उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई। उन्होंने बताया कि वे जेल विभाग में जेल वार्डर के पद पर करीब 21 वर्ष से कार्यरत हैं। इस यात्रा के लिए जेल अधीक्षक बिमला देवी, उप अधीक्षक रेशम सिंह व हिमांशु चौधरी व स्टाफगण तथा परिवार व मित्रों को विशेष सहयोग रहा और इन सभी ने उसका मनोबल बढ़ाया।
उन्होंने बताया कि इससे पहले उन्होंने अगस्त-2019 में अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो पर केवल 15 घंटे व 53 मिनट में तिरंगा फहराया था। इसके बाद उन्होंने अक्टूबर-2019 में उत्तराखंड में स्थित माउंट सतोपंथ करीब 7084 मीटर ऊंची चोटी तथा अगस्त 2022 में लद्दाख क्षेत्र में स्थित करीब 7135 मीटर ऊंची माउंट नून चोटी व 6400 मीटर ऊंची कांग यात्से-1 पर भी पहुंचे और देश का राष्ट्रीय ध्वज फहराया।  उन्होंने बताया कि वे जेल विभाग हरियाणा के प्रथम अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही बन चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर मास्टर एथलेटिक्स में अब तक 40 स्वर्ण पदक तथा 37 रजत पदक जीत कर हरियाणा प्रदेश का नाम भी भारत वर्ष में रोशन किया है।