दुष्यंत चौटाला को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री के पद पर नियुक्ति किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका को आधारहीन करार दे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। शनिवार को चीफ जस्टिस रवि शंकर झा एवं जस्टिस राजीव शर्मा की खंडपीठ ने इस नियुक्ति के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जब कर्नाटक हाईकोर्ट के बाद गत वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पद पर नियुक्ति को असंवैधानिक नहीं माना है तो कैसे इस विषय को लेकर जनहित याचिका दायर की जा रही है। हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता जगमोहन सिंह भट्टी द्वारा दी गयी सभी दलीलें इस मामले में आधारहीन हैं। लिहाजा हाईकोर्ट ने इस जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। वहीं हरियाणा के एडवोकेट जनरल बीआर. महाजन ने एक बार फिर कहा कि उपमुख्यमंत्री को नियुक्त करना असंवैधानिक नहीं है।
महाजन ने उपमुख्यमंत्री पद पर गत वर्ष कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले सहित ऐसे ही चार अन्य फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट कह चूका है कि उपमुख्यमंत्री नियुक्त करना असंवैधानिक नहीं है। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा था। जब सुप्रीम कोर्ट ही इस मामले में साफ कर चूका है कि इस पद पर नियुक्ति असंवैधानिक नहीं है तो आगे किसी भी अन्य दलील की जरुरत ही नहीं है।