कोरोना के बाद बढ़ रहे अवसाद के मरीज: डॉ. अरोड़ा

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संजीव कौशिक, रोहतक:
अखिल भारतीय जाट सूरमा स्मारक महाविद्यालय में शुक्रवार को यूथ रेडक्रॉस का जिला स्तरीय यूथ रेडक्रॉस प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन विद्यार्थियों को कोविड और उसके बाद के प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया।

लोगों को डिप्रेशर से बाहर निकालना जरूरी

शिविर का शुभारंभ पीजीआईएमएस के कम्युनिटी मेडिसन विभाग के प्रोफेसर डॉ. वरुण अरोड़ा ने किया। डॉ. अरोड़ा का वाईआरसी के कॉओर्डिनेटर डॉ. विवेक दांगी ने स्वागत किया। मंच संचालन डॉ. मनीषा, डॉ. कांता ने किया। डॉ. वरुण अरोड़ा ने कोविड के बाद डिप्रेशन तथा अन्य प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौरान इस बीमारी से लोग अवसाद या डिप्रेशन का शिकार हुए हैं।

कोरोना महामारी की वजह से तनाव

कोरोना महामारी की वजह से तनाव के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने भी दिशानिर्देश जारी किए हैं। कोरोना वायरस महामारी ने दुनिया भर में लोगों की मानसिक स्थिति पर गहरा असर डाला है। इस बीमारी ने स्वास्थ्य सेवाओं पर जबरदस्त दबाव तो डाला ही है साथ ही मेंटल हेल्थ केयर व्यवस्था के सामने गंभीर चुनौतियां पेश की हैं। उन्होंने बताया कि प्रात: नियमित व्यायाम और ध्यान के माध्यम से आप इससे छुटकारा पा सकते हैं।

ये प्रतियोगिताएं भी कराई

सायंकालीन सत्र में पोस्टर, स्लोगन लेखन, जल बचाओ, पर्यावरण संरक्षण, रक्तदान विषय पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। वाईआरसी काउंसलर डॉ. मनीषा दहिया ने रेडक्रॉस के महत्व और इतिहास पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर यूथ रेडक्रॉस के कॉओर्डिनेटर डॉ. विवेक दांगी, डॉ. सुशीला डबास, डॉ. संजीत, डॉ. कांता, डॉ. मोनिका, डॉ. निशांत जाखड़ सहित वाईआरसी के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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