विभागों ने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कीः  सीवीसी

0
467
Departments did not take action against corrupt officials: CVC
नई दिल्ली:
सरकारी विभागों ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की ओर से 55 मामलों में भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को दंडित करने की सिफारिशों को नहीं माना है। इनमें दिल्ली जल बोर्ड के चार और रेलवे मंत्रालय के 11 ऐसे मामले हैं जहां सिफारिशें नहीं मानी गई हैं। सीवीसी की वार्षिक रिपोर्ट-2021 में कहा गया कि भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी), बैंक ऑफ इंडिया और दिल्ली जल बोर्ड में ऐसे चार-चार मामले हैं जबकि महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड ने तीन मामलों में अपने कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।

आयोग की कुछ अहम सिफारिशों को नहीं माना

रिपोर्ट में कहा गया कि भ्रष्टाचारियों को दंडित करने के लिए आयोग की सिफारिश नहीं मानने के मामले इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, मद्रास फर्टिलाइजर्स लिमिटेड, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय और उत्तरी दिल्ली नगर निगम (अब एकीकृत दिल्ली नगर निगम का हिस्सा) के हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि आयोग ने पाया कि 2021 में उसकी कुछ अहम सिफारिशों को नहीं माना गया। इसमें कहा गया कि आयोग की सिफारिशों को नहीं मानना या आयोग से विचार विमर्श नहीं करना सतर्कता की प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाता है। यह सतर्कता प्रशासन की निष्पक्षता को कमजोर करता है। ऐसे ही एक मामले का ब्योरा देते हुए सीवीसी ने कहा कि विभिन्न क्षमताओं में काम करते हुए तत्कालीन मुख्य कार्मिक अधिकारी ने अपनी आय के ज्ञात स्रोत से 138.65 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित की।

नुशासनात्मक प्राधिकार अर्थात रेलवे बोर्ड (मेंबर स्टाफ) ने मामले को बंद करने का फैसला

रिपोर्ट के अनुसार उन्हें संपत्ति की खरीद और उनके या उनकी पत्नी द्वारा किए गए निवेश तथा परिवार के सदस्यों द्वारा लिए गए उपहारों के बारे में मौजूदा नियमों के अनुसार विभाग की अनुमति नहीं लेने या उसे सूचित नहीं करने का जिम्मेदार पाया गया। रिपोर्ट के अनुसार आयोग ने पहले चरण में सात मार्च 2021 को तत्कालीन मुख्य कार्मिक अधिकारी के खिलाफ बड़ा जुर्माना लगाने की कार्रवाई शुरू करने का सुझाव दिया। वहीं, दूसरे चरण में उसके खिलाफ रेलवे सेवा (पेंशन) नियम के तहत जुर्माना लगाने की सलाह दी थी। इसमें कहा गया कि अनुशासनात्मक प्राधिकार अर्थात रेलवे बोर्ड (मेंबर स्टाफ) ने मामले को बंद करने का फैसला किया और अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई बंद कर दी गई।

ये भी पढ़ें : काली मिर्च होती है कई रोगों के लिए है अमृत, जरूर आजमाएं

ये भी पढ़ें : बारिश में बच्चों की ऐसे करें देखभाल

ये भी पढ़ें : छोटी – छोटी बात पर रोने वाली लड़कियां होती हैं विशेष

ये भी पढ़ें : पालक खाने के चमत्कारिक फायदे, चौक जाएंगे आप

ये भी पढ़ें : अलग-अलग तरह की शर्ट्स बदल देती है लुक, जानिये कैसे

ये भी पढ़ें :  बीतानी है गर्मी की छुट्टियां, हो जाएं तैयार, घूमने के लिए ये 5 स्थान

Connect With Us: Twitter Facebook