- अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 के अंतर्गत हुआ आयोजन
Aaj Samaj (आज समाज), Department of Nutritional Biology , नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के पोषण जीवविज्ञान विभाग द्वारा बाजरा- अतीत, वर्तमान और भविष्य विषय पर ऑनलाइन जागरूकता विशेषज्ञ वार्ता का आयोजन किया। अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 के अंतर्गत तकनीकी संस्थानों और खाद्य प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विशेषज्ञता न रखने वाले संस्थानों के बीच जागरूकता के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने भोजन में मोटे अनाज की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। प्रो. टंकेश्वर कुमार ने बाजरा उपभोग और मानव स्वास्थ्य की वर्तमान प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए देश के सतत विकास में भोजन की भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने प्रतिभागियों को कौशल विकास की आवश्यकता के साथ-साथ इस क्षेत्र में और अधिक शोध करने के लिए प्रतिभागियों को प्रेरित किया। इससे पूर्व में कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ हुई।
तत्पश्चात पोषण जीवविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. कांति प्रकाश शर्मा और इस कार्यक्रम के संयोजक डॉ. तेजपाल ढेवा ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की और कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार का परिचय प्रस्तुत किया। उन्होंने विभाग द्वारा बाजरा पर अनुसंधान और तकनीकी विकास में संकाय सदस्यों की उपलब्धियों को साझा किया। कार्यक्रम में विशेषज्ञ प्रतिष्ठित पोषण चिकित्सक डॉ. निलांजना सिंह ने पोषण और स्वास्थ्य लाभ के साथ ऐतिहासिक संबंध, आंत माइक्रोबायोम और बाजरा परस्पर क्रिया, लैक्टिक कल्चर और पोषण-विरोधी कारक तथा मोटे अनाज की कार्यक्षमता और इसकी लोकप्रियता सहित विभिन्न पक्षों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
पोषण जीवविज्ञान विभाग में सहायक आचार्य डॉ. अनीता कुमारी ने विश्वविद्यालय की समकुलपति प्रो. सुषमा यादव का परिचय प्रस्तुत किया। प्रो. सुषमा यादव ने मोटे अनाज के विशेष गुणों, इतिहास एवं सामाजिक व सांस्कृतिक महत्त्व का उल्लेख करते हुए प्रतिभागियों को मोटे अनाज के उपयोग के लिए प्रेरित किया। प्रो. कांति प्रकाश शर्मा ने स्कूल ऑफ इंटरडिसिप्लिनरी एंड एप्लाइड साइंसेस की डीन एवं शोध अधिष्ठाता प्रो. नीलम सांगवान का परिचय प्रस्तुत किया।
प्रो. नीलम सांगवान ने मोटे अनाज के महत्त्व एवं उपयोग पर प्रकाश डाला और विभाग को भविष्य में भी और अधिक गतिविधियां आयोजित करने के लिए प्रेरित किया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में प्रो. सुरेंद्र सिंह, प्रो. अंतरेश कुमार, डॉ. दिनेश कुमार, डॉ. उमेश कुमार, डॉ. अश्वनी कुमार, डॉ. अनिता कुमारी सहित विभिन्न पीठों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष शिक्षक, विद्यार्थी एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।
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