आज समाज डिजिटल, पानीपत:
Panipat News (Dental Diseases) दांतो के रोगों से भी कैंसर जैसी बीमारी का रूप धारण हो सकता है। दांतों में पायरिया, कीड़ा लगना या दांतो और मसुड़ों में दर्द रहने से लिजन हो जाते है जो बाद में कैंसर जैसी बीमार का भी रूप धारण कर लेते है इसके अतिरिक्त जीभ पर लिजन होना या तालु होना भी इसका कारण बन सकता है लेकिन दंत विज्ञान की बात करें तो इसमें इनका बेहद कारगर उपचार है और सावधानी से ही व्यक्ति शुरुआती लक्षणों के बाद सुधार ला सकता है।
ऐसे रोग बीड़ी, सिगरेट व तम्बाकु का प्रयोग करने से ज्यादा होते है
इसी सम्बंध में स्वास्थ्य केन्द्र नौल्था में तैनात डैन्टल सर्जन डॉ मोनिका ने जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक वह नौल्था स्वास्थ्य केन्द्र में लगभग पांच हजार मरीजों का चैकअप कर चुकी हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे रोग आमजन में बीड़ी, सिगरेट व तम्बाकु का प्रयोग करने से ज्यादा होते है। उन्होने आमजन से अपील करते हुए कहा कि ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डाक्टर के पास प्राथमिक जांच करवानी चाहिए और डाक्टर से दिखाते समय यदि व्यक्ति किसी अन्य बीमारी से ग्रस्त है तो उससे भी डाक्टर से जरूर अवगत करवाना चाहिए।
खट्टे फल मसूडों के लिए बहुत ही लाभदायक
डॉ. मोनिका ने ऐसे रोगों से सावधानियां बरतने की अपील करते हुए कहा कि मसूडों में दर्द के उपरांत खट्टे फलों का प्रयोग अवश्य करना चाहिए क्योंकि खट्टे फल मसूडों के लिए बहुत ही लाभदायक होते है। इसी कड़ी में गुनगने पानी में नमक व फिटकरी डालकर हल्दी के साथ मसूडों की मसाज करनी चाहिए। इसके अतिरिक्त लौंग का तेल रूई के साथ दांतो पर लगाना बहुत ही लाभकारी होता है साथ ही उन्होनें कहा कि हर 6 महीनें के बाद दांतों की सफाई डाक्टर से अवश्य करवानी चाहिए।
ईंट, भट्ठों आदि पर मजदूरों को स्वास्थय कैम्प लगाकर जागरूक किया जाता है
उन्होंने विशेष रूप से महिलाओं से आह्वान किया कि प्राय: देखने में आता है कि डिलीवरी के उपरांत कुछ महिलाएं दांतों की सफाई करना कुछ समय के लिए बंद कर देती है जोकि उनके लिए हानिकारक होता है, इसलिए डॉ मोनिका ने बताया कि स्वास्थय विभाग द्वारा आमजन को जागरूक करने के लिए समय समय पर हर गांव में चैकअप के लिए कैम्प लगाए जाते है। इसी कड़ी में औद्योगिक क्षेत्रों, ईंट, भट्ठों आदि पर मजदूरों को स्वास्थय कैम्प लगाकर जागरूक किया जाता है।