हिमाचल में जीरो एनरोलमेंट वाले 286 स्कूल किए डिनोटिफाई : रोहित ठाकुर

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Denotify schools

Denotify schools in Himachal

आज समाज डिजिटल, शिमला : हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार राज्य में उन स्कूलों को बंद कर दिया है। ऐसे 286 स्कूल हैं, जो जीरो एनरोलमेंट वाले थे। इन स्कूलों में तैनात स्टाफ को दूसरे स्कूलों में शिफ्ट किया जा रहा है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने रविवार को यहां मीडिया से बातचीत में यह बात कही।

ठाकुर ने कहा कि सरकार ने जीरो एनरोलमेंट वाले 286 स्कूलों को डिनोटिफाई कर दिया है। इनमें 228 प्राइमरी और 56 मिडिल स्कूल शामिल हैं। इन स्कूलों में तैनात टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टॉफ को ऐसे स्कूलों में भेजा जा रहा है, जहां पर स्टाफ की कमी चल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में 455 मिडिल स्कूल ऐसे हैं, जहां पर स्टॉफ नहीं है और वह स्कूल डेपुटेशन पर चल रहे हैं।‌ इसके अलावा तीन हजार स्कूल सिंगल टीचर के सहारे हैं। ऐसे में बंद किए गए स्कूलों के स्टाफ को इन स्कूलों में भेजा जाएगा।

रोहित ठाकुर ने कहा कि भविष्य में आवश्यकता के अनुसार स्कूलों को खोला जाएगा। पूर्व भाजपा सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए रोहित ठाकुर ने कहा कि पिछले 5 सालों में शिक्षा का स्तर काफी गिरा है। उन्होंने कहा कि पूर्व की जयराम सरकार ने वोटों की राजनीति के लिए अंतिम 6 महीनों में 320 नए स्कूल खोले।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने स्कूल खोलने के पैरामीटर में छूट दी है। पहले जहां स्कूल खोलने का पैरामीटर प्राइमरी कक्षा में 25 छात्रों का तय किया गया था, उसे अब 10 विद्यार्थी किया गया है। मिडल स्कूल के लिए यह संख्या अब 15 है।

हाई स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या 40 से घटाकर 20 की गई है। सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बच्चों की संख्या 60 से घटाकर 25 की गई है। उन्होंने कहा कि जिन कॉलेजों में छात्रों की संख्या 65 होंगी वह फंक्शनल रहेंगे और उससे कम वाले कालेज भी बंद होंगे और यह कदम सत्र शैक्षणिक समाप्त होने के बाद उठाया जाएगा।

ट्रांसफर पॉलिसी में होगा बदलाव – ठाकुर

शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए सरकार जल्द ट्रांसफर पॉलिसी में भी बदलाव करने जा रही है। इसमें सभी पहलुओं को शामिल किया जाएगा। उन्होंने संकेत दिए कि ऐसे टीचर जो वर्षों से एक ही स्थान पर बैठे हैं उन्हें जल्द वहां से हटाया जाएगा। साथ ही कहा कि दूरदराज या जनजातीय क्षेत्रों के स्कूलों में वर्षों से काम करने वाले अध्यापकों को भी पसंद के स्टेशन में भेजा जाएगा।

कर्ज पर घेरी पूर्व की जयराम सरकार

शिक्षा मंत्री ने कर्ज को लेकर पूर्व की जयराम सरकार को घेरा और कहा कि उस सरकार से 75000 करोड़ रुपए ऋण उन्हें विरासत में मिला है। उन्होंने कहा कि 11000 करोड़ रुपए कर्मचारियों और पेंशनरों की अदायगी भी पूर्व भाजपा सरकार ने नहीं दी और भी कांग्रेस सरकार पर डाली है।

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