ICMR On Dengue Vaccine, (आज समाज), नई दिल्ली: भारतीय वैज्ञानिकों ने मच्छर काटने से फैलने वाली बीमारी डेंगू का टीका खोज लिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार टीके का परीक्षण अंतिम चरण में पहुंच गया है और यह अगले साल तक मिल सकता है। देश में चार फार्मा कंपनियां क्लीनिकल परीक्षण कर रहीं हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते डेंगू संक्रमण को लेकर हुई उच्चस्तरीय बैठक में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बताया कि टीके का परीक्षण अंतिम चरण में है और अगले साल तक यह आम आदमी के लिए उपलब्ध हो सकता है।
एसआईआई ने हाल ही में सौंपे हैं दस्तावेज
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट आॅफ इंडिया (एसआईआई) ने हाल ही में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन को अहम दस्तावेज सौंपते हुए बताया कि अमेरिका से डेंगू वायरस का नया स्ट्रेन मंगाने के बाद पहला परीक्षण 60 लोगों पर हुआ है, जिसमें छह महीने तक लोगों में एंटीबॉडी का स्तर पर्याप्त मात्रा में देखने को मिला है। इस परिणाम के बाद सरकार ने कंपनी को दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति भी दी है।
2026 की शुरुआत में लॉन्चिंग की उम्मीद
भारत में एसआईआई के अलावा इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लि. (आईआईएल) भी डेंगू के टीके पर काम कर रहा है।
हाल ही में आईआईएल ने 2026 की शुरुआत में डेंगू टीके को व्यावसायिक रूप से लॉन्च करने की उम्मीद भी जताई है। इसके लिए भी अमेरिका स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ हेल्थ ने आवश्यक वायरस प्रदान किया है।
बचाव के लिए लोगों को दी गई है सलाह
स्वास्थ्य मंत्रालय ने डेंगू के खतरे से बचाव के लिए लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि बरसात के दिनों में गमलों, टूटे बर्तनों, टायरों या झुग्गियों के ऊपर प्लास्टिक की चादरों के नीचे पानी जमा हो जाता है और यही पानी सभी मच्छरों के प्रजनन के लिए आदर्श स्थान होते हैं। पोखरों में जमा पानी और बंद नालियां भी डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर के लिए प्रजनन का उपयुक्त स्थल बन जाती हैं। पानी को जमा होने से रोकने के उपाय करके डेंगू के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।