नवीन मित्तल, शहजादपुर :
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवम् हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य अशोक मैहता ने बसताड़ा (करनाल) टोल प्लाजा पर शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर बर्बरतापूर्ण तरीके से लाठीचार्ज किए जाने की कड़े शब्दों में निंदा की है। मैहता शहजादपुर में प्रेस से रूबरू हो रहे थे। मैहता ने कहा कि लोकतंत्र को लठतंत्र में बदलने की इजाजत नहीं दी जा सकती। इस बात की जांच होनी चाहिए कि करनाल में अधिकारी, किस अधिकार के तहत पुलिसवालों को किसानों के सिर पर वार करने के आदेश दे रहे थे। क्योंकि ये पुलिस का अधिकार क्षेत्र है, ऐसे आदेश तो किसी भी परिस्थिति में कोई पुलिस अधिकारी भी नहीं दे सकता है। किसानों के सिर पर वार करने के आदेश किसके थे, ये जांच का विषय है।
मैहता ने कहा कि हाल ही में सम्पन्न हुए विधान सभा के मानसून सत्र में भाजपा-जजपा सरकार एक और विधेयक लेकर आई है जिसके माध्यम से हरियाणा की असंवेदनशील सरकार किसानों की जमीन कुछेक पूंजीपतियों के हवाले करने जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले पीपीपी मोड के तहत बनने वाले प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए 70 प्रतिशत किसानों की सहमति जरूरी थी। परंतु भाजपा-जजपा सरकार ने यूपीए सरकार द्वारा किए गए जमीन अधिग्रहण कानून में बदलाव करके किसानों की बबार्दी का एक और नया अध्याय लिखा है। सरकार के इस फैसले से अब पीपीपी मोड वाले प्रोजेक्ट के लिए किसानों की सहमति के बिना भूमि का अधिग्रहण किया जा सकेगा।
मैहता ने कहा कि पंजाब सरकार की तरह बीजेपी-जेजेपी सरकार को भी आंदोलन के दौरान जान की कुबार्नी देने वाले किसानों के परिवारों को आर्थिक मदद और एक-एक सरकारी नौकरी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की बेदर्दी के चलते अब तक करीब 600 आंदोलनकारियों की जानें जा चुकी हैं। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वो भविष्य में किसानों से टकराव के हालात पैदा नहीं करे। सरकार को संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ किसानों से संवाद स्थापित कर आंदोलन का जल्द से जल्द सकारात्मक समाधान निकालना चाहिए।
Sign in
Welcome! Log into your account
Forgot your password? Get help
Password recovery
Recover your password
A password will be e-mailed to you.