15 जुलाई तक अगर जिला मुख्यालय की घोषणा नहीं की तो होगा बड़ा आंदोलन–बलवान फौजी
–जिला मुख्यालय स्थापित करने को लेकर लघुसचिवालय में दिया सांकेतिक धरना, सीएम को भेजा ज्ञापन
People staged a symbolic sit-in (नीरज कौशिक) महेंद्रगढ़ :
सीएम नायब सैनी द्वारा गोहाना व हांसी को जिला बनाने की घोषणा करने के बाद अब महेंद्रगढ़ में जिला मुख्यालय स्थापित करने की मांग जोर पकड़ने लगी हैं। मंगलवार को समाजसेवी बलवान फौजी के नेतृत्व में क्षेत्र के अधिवक्ताओं व सामाजिक संगठनों के लोगों ने सांकेतिक धरना व सरकार के प्रति नारेबाजी कर महेंद्रगढ़ को जिला मुख्यालय देने की मांग की हैं। इसके अलावा उन्होंने नारनौल को अलग जिला बनाने व महेंद्रगढ़ में जिला मुख्यालय स्थापित करने को लेकर डीसी मोनिका गुप्ता की अनुपस्थिति में एसडीएम संजीव कुमार को सीएम नायब सैनी के नाम एक ज्ञापन भी भेजा हैं।
बता दें कि महेंद्रगढ़ क्षेत्र के लोग काफी लंबे समय से महेंद्रगढ़ में जिला मुख्यालय स्थापित करने की मांग कर रहें हैं। वर्ष 2019 में भी बार एसोसिएशन द्वारा करीब तीन महीने का धरना दिया गया था। इसके अलावा दुकानदार भी बाजार को बंद कर जिला मुख्यालय स्थापित करने की मांग कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न सामाजिक संगठन के लोगों द्वारा सीएम को कई बार ज्ञापन भेजे जा चुके हैं। लेकिन अभी तक प्रदेश सरकार की ओर से कोई रूचि नहीं ली गई हैं।
समाजसेवी बलवान फौजी ने कहा कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले नए जिले, उपमंडल, पंचायत समिति, तहसील, उप तहसील व पंचायत आदि का पुनर्गठन करने की तैयारियां जोरों पर है। परंतु महेंद्रगढ़ जिले का कोई नाम नहीं है। बलवान फौजी ने कहा कि आज भाजपा सरकार में इस जिले की उपेक्षा से लोगों में मायूसी है तथा सरकार के प्रति भारी रोष पनप रहा है, जिसका खामियाजा सरकार को बीते विधानसभा चुनाव में देखने को मिला था तथा आगामी विधानसभा चुनाव में और भी विपरीत प्रभाव देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि दक्षिणी हरियाणा के दो जिलों से प्रदेश सरकार ने अनदेखी की है जबकि महेंद्रगढ़–रेवाड़ी जिले में भाजपा सरकार के पांच विधायक हैं जिसमें से एक को भी कमेटी में शामिल नहीं किया गया। जो भेदभाव को दर्शात है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि आज तो सांकेतिक धरना दिया जा रहा है, अगर मुख्यालय नहीं मिला तो आंदोलन को बड़ा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 15 जुलाई तक महेंद्रगढ़ में जिला मुख्यालय स्थापित करने की घोषणा नहीं करते है तो पूरे महेंद्रगढ़ विधानसभा के गांव–गांव जाकर लोगों को जागरूक करके आने वाले 10 से 15 अगस्त के बीच में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। जिसमें करीब 10 से 15 हजार लोग शामिल होंगे और यह लोग धरने से तब तक नहीं उठेंगे जब तक महेंद्रगढ़ में जिला मुख्यालय स्थापित हो जाए। उन्होंने कहा कि यह धरना दिन के साथ–साथ रात्रि को भी जारी रहेंगा। इसलिए अनुरोद है कि देश भक्त व राष्ट्र भक्त इलाके के लोगों के लिए आप यह जिला मुख्यालय महेंद्रगढ़ में स्थापित करवाकर आमजन को राहत देने का कार्य करें।
बलवान फौजी ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस कमेटी में सरकार ने कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर, वित्त मंत्री जयप्रकाश दलाल, पंचायत मंत्री महिपाल ढांडा, नगर निकायमंत्री सुभाष सुधा को शामिल किया गया है। यह कमेटी शीघ्र ही बैठक करेंगी। फिलहाल सुनने में आ रहा है कि हांसी, गोहाना, डबवाली, असंध और मानेसर को जिला बनाए जाने की संभावना जताई जा रही है, जिसमें महेंद्रगढ़ जिले को उसका हक जिला मुख्यालय तथा नारनौल को अलग जिला बनाए जाने की मांग का कोई जिक्र नजर नहीं है, यह महेंद्रगढ़ क्षेत्र के लोगों के लिए अन्याय होगा, क्योंकि महेंद्रगढ़ की जनता ने भाजपा को उस समय जीवनदान देकर जिंदा रखा है जब प्रदेश में बीजेपी का नाम लेने वाला नहीं होता था।
यह काम नहीं हुए है क्षेत्र में
महेंद्रगढ़ के लिए भाजपा सरकार की घोषणा महज घोषणा ही बनकर रह गई है। खुड़ाना में आईएमटी, महेंद्रगढ़ में बाईपास, किसान मॉडल स्कूल, बिजली ट्रांसफार्मर का वर्कशॉप, रोडवेज सब डिपो, माधोगढ़ में महेंद्रगढ़ के किले को टूरिस्ट कॉम्पलैक्स बनाने, महेंद्रगढ़ नगरपालिका को नगर परिषद बनाने, दादरी से महेंद्रगढ़–नारनौल होते हुए अलवर तक रेल लाइन, सेंट्रल यूनिवर्सिटी में मेडिकल कॉलेज जैसी अन्य घोषणाओं पर कोई अमल नहीं हो पाया है। क्षेत्र के युवाओं के लिए यहां रोजगार का कोई साधन नहीं है। सरकार के कोरे आश्वासन व घोषणाओं को लेकर क्षेत्र की जनता का सरकार के प्रति मोह भंग हो रहा है, जिस और ध्यान नहीं दिया गया तो बदलाव निश्चित माना जा सकता है। लोगों का कहना है कि दक्षिणी हरियाणा के दो जिले महेंद्रगढ़ व रेवाड़ी से पांच विधायक भाजपा व दो विधायक कांग्रेस के है उसके बाद भी कमेटी में सातों विधायकों में एक भी विधायक को कमेटी में शामिल नहीं किया गया। जिसकों लेकर क्षेत्र में सरकार के प्रति रोष व्याप्त है तथा लोगों ने भेदभाव का भी आरोप लगाया है।
ये रहे मौजूद
धरना देने वालों में डॉ. धर्मबीर पायगा, रणधीर सिंह फौजी गुढ़ा, अमित माजरा, पाली के सरपंच देशराज फौजी, बार एसोसिएशन प्रधान राजीव, विजय खेड़ा, संदीप बचीनी, दीपक फौजी सुरजनवास, बहादूर सिंह थानेदार, विजय प्रधान कृष्णा मार्केट, हनुमान, बीरसिंह माजरा, संदीप खायरा, रघु यादव बुडीन, ओमप्रकाश बुडीन, अजय बसई, रामबीर सिंह पंच बसई, सुमित फौजी बुचावास, कृष्ण कुमार, जिले सिंह जोनावास, गुरुदयाल शर्मा बलायचा, सूबेदार जयराम, मुरारीलाल नंबरदार सतनाली, राजकुमार नंबरदार खातोदड़ा, सूबेदार राम स्वरूप, रामकिशन, अतर सिंह, लाल सिंह बवानियां, कुलभूषण मेघनवास, रामबिलास बुचौली, रामकिशन खेड़ा, कैप्टन राजेंद्र, हवलदार भागमल माजरा, सूबेदार देशराज गागड़वास, प्रमोद फौजी बलायचा, रामनिवास पाटोदा, इंजिनियर संदीप शास्त्री, सत्यवान सरपंच, संदीप झूक, सुरेंद्र झूक, बबलू सहित विभिन्न संगठनों के लोगों व अधिवक्ताओं ने सांकेतिक धरना देकर ज्ञापन सौपा।