आज समाज डिजिटल,लोहारू:
Demand of Kanjaks on Durgashtami: नवरात्रि पर्व पर दुर्गा अष्टमी के उपलक्ष्य में लोहारू, सतनाली व आसपास के क्षेत्र में कन्याओं का पूजन कर उन्हें माता के प्रसाद के रूप में भोजन करवाया गया। इस दौरान घरों में कंजकों की पूजा कर उनके पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया गया तथा भेंट दी गई। हालांकि सरकार व प्रशासन सहित सामाजिक संगठनों द्वारा चलाई गई बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ व कन्या भ्रूण हत्या रोक व कन्या बचाओ मुहिम के बाद लिंगानुपात में सुधार तो आ रहा है परंतु इसके बावजूद भी आज दुर्गाष्टमी पर क्षेत्र में नवरात्रि के व्रत करने वाली महिलाएं कंजकाओं को पूजन करवाने के लिए कन्याओं को ढ़ूंढ़ते नजर आई|
एक-एक कन्या ने करीब दर्जनों घरों में ग्रहण किया प्रसाद
वहीं एक-एक कन्या ने आज करीब दर्जनों घरों में प्रसाद ग्रहण किया। छोटे बच्चों व कंजकाओं में इसके प्रति उत्साह भी देखा गया लेकिन सबसे अधिक परेशानी कंजकाओं को तलाशने में हुई। आलम यह रहा कि कंजकाएं आज अनेक घरों में प्रसाद ग्रहण करने के लिए पहले से ही बुक हो चुकी थी। समाज की बदलती सोच व मानसिकता के कारण बेटे की चाहत में बेटियां का गला घोंटने के कारण आज मुसीबत यह आ पहुंची है कि जीवन की मंगलकामना के लिए जिस मां के लिए नवरात्रि रखे जाते हैं वह स्वयं एक नारी है, सभी के दुखों को हरने वाली है।
लेकिन ये बात अपने आपको माता का सच्चा भक्त कहने वाले श्रद्धालुओं को नवरात्रों के दिनों में ही याद आती है जब कन्याओं की कंजकों के दिन जरूरत होती है। क्षेत्र में शनिवार को अष्टमी पर श्रद्धालुओं द्वारा कंजक बैठाई गई जिसके लिए काफी तलाशने के बाद भी कन्याएं नहीं मिली। कंजकाओं के पूजन के लिए स्कूलों से कन्याएं बुलाई गई। कंजकों को प्रसाद देकर व उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया गया। बुद्विजीवियों की मानें तो आज के समय में लोग लडक़े की चाहत में लडक़ी को बिसरा बैठे हैं हालांकि लडक़े से ज्यादा लडक़ी माता-पिता की सेवा करने से लेकर हर क्षेत्र में आगे हैं।
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