संजीव कुमार, रोहतक:
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के पूर्व उपाध्यक्ष अनिल मल्होत्रा ने जिला प्रशासन से मॉडल स्कूल में पिछले सात वर्षों में हुई भर्तियों पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि जबसे प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है मॉडल स्कूल राजनीतिक व प्रशासनिक संरक्षण में पूरी तरह रोजगार केंद्र में तब्दील हो गया है। सत्ताधारी नेता और बड़े प्रशासनिक अधिकारी मनचाहे तरीके से अपने रिश्तेदारों को स्कूल में शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती कर शिक्षा के स्तर को गिरा रहे हैं।
उन्होंने कहा पिछली सरकारों के दौरान तो यह बीमारी थी जो अब ना केवल बरकरार है बल्कि विकराल रूप धारण कर चुकी है। स्कूल में भर्ती का आधार केवल नेता की अनुकंपा है। नतीजनन संस्था में ऐसे लोगों की भरमार है जो सत्ताधारी दल के निकट है। उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के मामा की पुत्रवधू, भतीजी, हिंदू कॉलेज के उपाध्यक्ष प्रदीप सपड़ा की पुत्रवधू, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय सचिव गुलशन भाटिया की पुत्री व पुत्र-वधू,रोहतक लोकसभा के प्रभारी रमेश भाटिया की पुत्रवधू कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए मार्केट कमेटी के उपप्रधान गुलशन परुथी की पुत्र वधू,भाजपा कार्यालय में काम करने वाले दीपक की पत्नी, मनीष के चहेते पूर्व मीडिया सहप्रभारी मनोज मक्कड़ की पत्नी,जिला मीडिया प्रभारी तरुण शर्मा की पत्नी,पूर्व मंत्री के निकटतम रिश्तेदार पवन मनोचा की बहन, राजेश सहगल की रिश्तेदार पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के पीए पंकज आनंद की पत्नी,पंकज उप्पल की पत्नी, पूर्वजिलाधिकारी की रिश्तेदार,कई मीडिया कर्मियों की रिश्तेदार शामिल हैं। रोहतक के वर्तमान विधायक व कई अन्य विपक्षी नेता भी स्कूल की प्रबंधन समिति में शामिल है।विपक्ष और सत्ताधारी दल मिलीभगत कर नियुक्तियों को अंजाम देते हैं।उन्होंने कहा कि नियुक्तियों में सीबीएससी के मापदंडों को खुलकर धज्जियां उड़ाई जाती हैं।बिना आवश्यक शैक्षणिक योग्यता के नौकरियां दी जा रही है।राजनीतिक लोगों की मनमानी का लाभ अधिकारी भी उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नियुक्तियों में पारदर्शिता जैसी कोई चीज नहीं है। पहले अस्थाई नियुक्ति दी जाती है और बाद में पिछले दरवाजे से स्थाई कर दिया जाता है। इतना ही नहीं ऐसे नियुक्ति पाए लोगों की भारी भरकम वेतन भी दिया जात है। उन्होंने कहा कि नेताओं की मनमानी का परिणाम है कि प्रदेश का यह प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान राजनीति का अड्डा बन गया है। स्कूल में अयोग्य लोगों की भरमार है जिस का नतीजा है कि शिक्षा का स्तर निरंतर गिरता जा रहा है।उन्होंने प्रदेश के नवनियुक्त राज्यपाल से नियुक्तियों में हुई धांधलियों की जांच व अयोग्य लोगों को पदमुक्त करने की मांग की।
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