इशिका ठाकुर,करनाल:
करनाल के गांव फतेहगढ़ में ग्राम पंचायत चुनाव मतदान के दौरान हुई हिंसा में 5 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे जिन्हें करनाल के कल्पना चावला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था।
पुलिस ने चार आरोपियों को हिरासत में लिया
इसमें से दो की हालत अधिक गंभीर होने के कारण उन्हें पीजीआई रेफर कर दिया गया था। घटना के लगभग 3 घंटे के बाद प्रशासन ने मतदान को पुनः शुरू करवाते हुए मतदान संपन्न करवाया था। हिंसा के इस मामले में करनाल जिला पुलिस ने चार आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। गांव फतेहगढ़ के लोग मतदान को लेकर ना खुश दिखाई दिए और इसकी शिकायत लेकर आज पीड़ित पक्ष के लोग करनाल पुलिस अधीक्षक गंगाराम पुनिया तथा करनाल जिला उपायुक्त अनीश यादव से मुलाकात करने के लिए जिला सचिवालय पहुंचे।मतदान के समय हुई हिंसा की घटना से संबंधित एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें लाठी-डंडे चलते हुए स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे थे।
मतदान केंद्र में ताबड़तोड़ हमला
इस संबंध में अपनी शिकायत लेकर जिला सचिवालय पहुंच पीड़ित पक्ष के लोगों का कहना है कि निसिंग के बीडीपीओ ने जिला के आला अधिकारियों को संवेदनशील बूथ के संबंध में गलत जानकारियां उपलब्ध करवाई थी। इस संबंध में पीड़ित पक्ष के अर्शदीप ने निसिंग बीडीपीओ पर आरोपियों के साथ रिश्तेदारी होने के कारण पक्षपात करने तथा जिला प्रशासन को गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए कहा कि निसिंग बीडीपीओ को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की। पीड़ित पक्ष के लोगों ने कहा कि अधिकारी द्वारा दी गई गलत जानकारी देने के कारण पुलिस प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। पीड़ित पक्ष के लोगों का कहना है कि सुबह लगभग 7:30 बजे आरोपी पक्ष का एक व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के नाम से मतदान करने गया था जिसका उन्होंने विरोध किया जिसके बाद आरोपियों ने मतदान केंद्र में ही उनके ऊपर ताबड़तोड़ हमला करना शुरू कर दिया ।
जिसमें एक महिला सहित 5 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और अन्य को मामूली चोट आई थी। पीड़ित पक्ष व सरपंच पद के उम्मीदवार सुखविंदर सिंह की बेटी नवनीत कौर ने कहा कि सिमरनजीत सिंह तथा हरपाल सिंह को गंभीर चोटें आई हैं तथा अभी भी इन दोनों की हालत गंभीर बनी हुई है। नवनीत कौर ने कहा कि हिंसा की घटना के बाद प्रशासन द्वारा मतदान संपन्न करवाना पूरी तरह एकतरफा तथा गलत है क्योंकि उनके सरपंच पद के उम्मीदवार मौके पर घायल हो गए थे और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था और मतदान के समय उनका कोई भी एजेंट मतदान केंद्र में मौजूद नहीं था। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि हिंसा के बाद हुए मतदान को पूरी तरह निरस्त करते हुए मतदान को दोबारा करवाया जाए तथा घटना के मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी शीघ्र की जाए।
आरोपियों के खिलाफ धारा 307 का मुकदमा दर्ज
इस मामले पर जानकारी देते हुए करनाल पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया ने कहा कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है और इस संबंध में 18 व्यक्तियों को नामजद तथा कुछ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए चार आरोपियों को हिरासत में लेकर जांच की जा रही है । इसके साथ ही घटना की जो वीडियो वायरल हुई है वह भी पीड़ित पक्ष के लोगों ने पुलिस को दी है उसकी भी जांच की जा रही है और इस संबंध में मुख्य आरोपियों के खिलाफ धारा 307 का मुकदमा भी दर्ज किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की शीघ्र कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मौके पर मौजूद साक्ष्यों के आधार पर भी जांच की जा रही है और इस मामले में किसी भी प्रकार की कोई ढील पुलिस प्रशासन द्वारा नहीं बरती जाएगी।
पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया ने कहा कि पुलिस प्रशासन के पास इनपुट गलत होने पर आरोप निराधार और सरासर गलत हैं।
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