चंडीगढ़ (आज समाज ) बठिंडा की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने आज राजस्थान के मुख्यमंत्री •ाजन लाल शर्मा को अवगत कराया है कि सिख समुदाय इस बात से परेशान है कि राजस्थान सरकार ने उन परीक्षा कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की, जिन्होने 23 जून को राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा के दौरान जोधपुर में एक एक परीक्षा केंद्र में दो अमृतधारी सिख महिलाओं को प्रवेश करने से रोककर उनकी धार्मिक •ाावनाओं को ठेस पहुंचाई है। मुख्यमंत्री को लिखे एक पत्र में बठिंडा सांसद ने कहा कि जांच कर्मचारियों की कार्रवाई से न केवल दो सिख महिलाओं और समुदाय की धार्मिक •ाावनाओं को ठेस पहुंची है, बल्कि यह संविधान के अनुच्छेद 25 का •ाी उल्लंघन है, जो सिख समुदाय को पांच ककार पहनने का अधिकार देता है। उन्होने कहा यह एक मौलिक अधिकार है और इसका उल्लंघन नही किया जा सकता।
सांसद ने मुख्यमंत्री को यह •ाी बताया कि सिख समुदाय इस बात से व्यथित है कि राजस्थान सरकार ने शिरोमणि अकाली दल एवं समुदाय की प्रतिनिधि धार्मिक संस्थान शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा अपील किए जाने के बावजूद •ाी इस मामले में कोई कार्रवाई नही की है। बादल ने कहा कि दो सिख महिलाओं- बीबी अरमानजोत कौर और लखविंदर कौर को परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से रोक दिया गया, क्योंकि उन्होने अपने ‘ककार’ उतारने से इंकार कर दिया था।
उन्होने कहा कि बाद में पता चला कि परीक्षा में बैठने के लिए लखविंदर कौर को अपने ‘ककार’ और ‘कृपाण’ उतारने के लिए मजबूर किया गया था। परीक्षा कर्मचारी महिलाओं को अपने ककार उतारने के लिए मजबूर करने पर अड़े हुए थे, जबकि महिलाओं ने उन्हे बताया कि वे उनके धर्म का अ•िान्न अंग हैं और उन्हे यह उन्हे जीवन •ार धारण करने होते हैं।