Delhi Services Act: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी मंजूरी, कानून बना दिल्ली सेवा विधेयक

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Delhi Services Act
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

 

Aaj Samaj (आज समाज), Delhi Services Act, नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को दिल्ली सेवा विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी और इसी के साथ यह कानून बन गया। भारत सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। इसके अलावा राष्ट्रपति ने डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल, द रजिस्ट्रेशन आफ बर्थ एंड डेथ बिल और जन विश्वास बिल को भी अपनी मंजूरी दे दी है। दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग अब गवर्नमेंट आॅफ नेशनल कैपिटल टैरिटरी आॅफ दिल्ली (अमेंडमेंट) एक्ट के तहत होंगे।

  • सीएम मर्जी से नहीं ले सकेंगे फैसले, सचिवों की सहमति जरूरी
  • प्राधिकरण के सदस्यों में मतभेद होने पर एलजी का फैसला अंतिम

केजरीवाल सरकार के हक में था सुप्रीम कोर्ट का फैसला

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने गत 11 मई को अपने फैसले में कहा था कि दिल्ली में जमीन, पुलिस व कानून-व्यवस्था को छोड़कर अधिकारियों व कर्मचारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग सहित बाकी सभी प्रशासनिक फैसले लेने के लिए दिल्ली सरकार स्वतंत्र होगी। उपराज्यपाल (एलजी) इन तीन मुद्दों को छोड़कर सरकार के अन्य फैसले मानने के लिए बाध्य थे। इस फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के स्थानांतरण व तैनाती एलजी के नियंत्रण में थे।

शीर्ष कोर्ट के फैसले के बाद 19 मई को केंद्र सरकार ‘गवर्नमेंट आफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी आफ दिल्ली आर्डिनेंस, 2023’ लेकर आई और प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति व तबादले का अधिकार उसने वापस एलजी को दे दिया। इस अध्यादेश के तहत राष्ट्रीय राजधानी सिविल सर्विसेज अथॉरिटी का गठन किया गया और दिल्ली के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव व गृह सचिव इसके सदस्य बनाए। सीएम अथॉरिटी के अध्यक्ष होंगे और बहुमत के आधार पर प्राधिकरण फैसले लिए जांएगे। प्राधिकरण के सदस्यों में मतभेद होने पर एलजी का फैसला अंतिम माना जाएगा।

नया कानून बनाकर ही फैसला पलटा जाना संभव था

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग मामले में जो फैसला दिया था वह केजरीवाल सरकार के पक्ष में था। ऐसे में इसे कानून में संशोधन करके या नया कानून बनाकर ही पलटा जाना संभव था। संसद तक चल नहीं रही थी, ऐसे में केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर कानून को पलट दिया। छह माह में संसद के दोनों सदनों में किसी भी अध्यादेश को पारित कराना जरूरी होता है, इसीलिए सरकार संसद के मानूसन सत्र के दौरान दोनों सदनों में विधेयक, 2023 लेकर आई और इसे पास कराया।

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