डॉ. श्रीकृष्ण शर्मा, नई दिल्ली:
ओलंपिक खेलों में दिल्ली के खिलाड़ी दिल्ली और देश का नाम रोशन कर सकें इसके लिए दिल्ली सरकार ने दिल्ली को खेल हब बनाने की योेजना बनाई है। योजना है कि पूरी दिल्ली में कम्यूनिटि खेलों का आयोजन कराया जाये। इस योजना को जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी दिल्ली खेल विश्वविद्यालय को दी गई है। स्कूली स्तर पर खेल प्रतिभाओं का चयन कर उनकी रूचि और क्षमता के हिसाब से सभी साधन और सुविधाएं भी मुहैया कराने की बात की जा रही है। दिल्ली में ओलंपिक स्तरीय खेल सुविधाओं को भी विकसित किया जाएगा।
जब से दिल्ली सरकार ने दिल्ली स्पोर्टस युनिवर्सिटी बनाकर उसकी वाइस चांसलर सिडनी ओलंपिक खेलों में भारोत्तोलन में कांस्य पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी को बनाया है तभी से ही खेलों में कुछ करने की तमन्ना रखने वालों का जीत का भरोसा मजबूत होने लगा है। माना यह भी जा रहा है कि जब किसी भी योजना को अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी उसी क्षेत्र के अनुभवी और सफल इंसान के हाथ में दी जाती है तो उनके परिणाम भी सकारात्मक ही निकलते है। कर्णम मल्लेश्वरी को ओलंपिक खेलों में भारत को पदक दिलाने वाली पहली महिला होने का गौनव प्राप्त है। विश्व विजेता भारोत्तोनक के पास एक लम्बा अनुभव दिल्ली को उंचाईयां दिला सकता है। जिसका असर भारोत्तोलकों को उत्साहित होना तो स्वाभाविक ही है।
दिल्ली में भारतीय खेल प्राधिकरण, दिल्ली विकास प्राधिकरण और दिल्ली सरकार के स्टेड़ियामों का जाल बिछा हुआ है। यहां की उच्च कोटि की सुविधाओं का लाभ दिल्ली का खिलाड़ी ही नहीं पडोसी राज्यों के खिलाड़ी भी उठाते हैं। दिल्ली के पास एशियाई खेलों और राष्ट्रमंड़ल खेलों की सफल मेजबानी का अनुभव भी है। ओलंपिक खेलों के आयोजन की दावेदारी पर भी पड़ेगा। टोक्यो ओलंपिक खेलों में दिल्ली से उभरे चार खिलाड़ी भी भाग ले रहे हैं।
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