एनसीआर जिलों के पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करके दिल्ली पुलिस आयुक्त ने बनाई रणनीति
Delhi Pollution Update (आज समाज), नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के लाख प्रयास के बावजूद राजधानी व एनसीआर जिलों में प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा। एक्यूआई लगातार 300 के आसपास बना हुआ है जोकि बेहद खराब स्थिति में है। दूसरी तरफ अब यह भी स्पष्ट हो गया है कि राजधानी में फैला प्रदूषण यहां के वाहनों के धुंए से ही बढ़ रहा है। या फिर अन्य कारक प्रदूषण बढ़ा रहे हैं जोकि स्थानीय हैं।
बाहरी राज्यों से अब दिल्ली की तरफ कोई धुआं नहीं आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी गत दिन दिल्ली सरकार को लताड़ लगाते हुए ग्रैप-4 के प्रतिबंधों में किसी तरह की ढील देने से साफ इंकार कर दिया था। इसी के चलते ग्रेडेड रिस्पॉंस एक्शन प्लान के चैथे चरण में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा के निर्देश पर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने संयुक्त टास्क फोर्स का गठन किया है। इसमें पड़ोसी राज्यों हरियाणा और यूपी के छह जिले के ट्रैफिक डीसीपी भी शामिल हैं।
इस तरह काम करेगी टास्क फोर्स
संयुक्त टास्क फोर्स में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के सात डीसीपी व पड़ोसी राज्यों के छह जिले के ट्रैफिक डीसीपी समेत दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एक एडिशनल पुलिस कमिश्नर को नोडल अधिकारी के तौर पर शामिल किया गया है। बेहतर तालमेल व प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पहली बार इस तरह का नियम बनाया गया है। ग्रेप चार में प्रतिबंधित किए गए वाहनों को दिल्ली की सीमा तक पहुंचने से पहले ही पड़ोसी राज्यों के विभिन्न जिले में रोका जा सके, इसलिए संयुक्त टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
सीमाओं पर बैनर व संयुक्त पिकेट लगाकर पुलिस 15 साल पुराने पेट्रोल और दस साल पुराने डीजल वाहनों को जब्त करने के अलावा ग्रेप चार में प्रतिबंधित वाहनों का चालान कर रही है। दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के ट्रैफिक इंस्पेक्टर जिनकी ड्यूटी सीमाओं पर है उनके लिए एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया है। ग्रुप में ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी भी शामिल हैं। इस ग्रुप में सीमाओं पर चेकिंग से संबंधित तस्वीरें डाली जाती हैं। साथ ही आला अधिकारी किसी मसले पर निर्देश देते हैं।
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