नई दिल्ली। केंद्र सरकार के सीएए और एनआरसी के खिलाफ शाहीन बाग में लोगों का धरना लगातार चल रहा है। लगभग एक महीने से प्रतिदिन यहां धरना जारी है जो पूरी तरह से शांतिपूर्ण है। इस धरने में बच्चे, महिलाएं और पुरुष सभी रोज भाग ले रहे हैं। अब एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली कोर्ट ने कहा कि इस मसले पर कानून के अनुसार कदम उठाने का आदेश दिल्ली पुलिस को दिया है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि दिल्ली पुलिस शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाने की कोशिश करेगी। बता दें कि दिल्ली पुलिस जामिया मीलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में प्रदर्शनकारियों के साथ कड़ाई से पेश आने की वजह से आरोपों के घेरे में है। अब दिल्ली पुलिस से शाहीन बाग का प्रोटेस्ट शांतिपूर्वक समझा बुझाकर रुकवाने को कहा गया है। पुलिस ने इसके लिए इस प्रोटेस्ट को शुरू करने वाले मुख्य लोगों से बातचीत करना भी शुरू कर दिया है। उन्होंने व्यापारियों से दुकाने खोलने को कहा है। दिल्ली पुलिस इलाके के प्रमुख लोगों से बातचीत कर ही है ताकि इस धरने को खत्म कराया जा सके।
वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस से इस बवाल पर समय रहते कानून के अनुसार कदम उठाने को कहा था। दिल्ली हाई कोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जारी प्रदर्शनों के चलते 15 दिसंबर से बंद कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग को खोलने की जनहित याचिका पर आज यानी मंगलवार को सुनवाई की। दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को 15 दिसंबर से बंद कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग मामले को देखने का निर्देश दिया है। बंद पड़े कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि जनहित का ध्यान रखें और कानून-व्यवस्था कायम करें। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ के समक्ष याचिका आई, जिसे मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया गया। बता दें कि जनहित याचिका में कहा गया है कि मार्ग बंद होने की वजह से लाखों लोगों को प्रतिदिन पेरशानी हो रही है। बच्चों को लंबे रास्तों से स्कूल जाना पड़ रहा है जिसकी वजह से उन्हें अधिक समय लग रहा है। यह याचिका वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी द्वारा दाखिल की गई है। इसमे ंदिल्ली पुलिस आयुक्त को कालिंदी कुंज-शाहीन बाग पट्टी और ओखला अंडरपास को बंद करने के आदेश को वापस लेने का निर्देश देने की मांग की गयी है।