नई दिल्ली। दिल्ली में टैक्सी और ऑटोरिक्शा चालकों ने कैब एग्रीगेटर सेवाओं से बेहतर भुगतान की मांग को लेकर गुरुवार से दो दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी। हड़ताल के बीच दिल्ली-एनसीआर में यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ स्थानों पर टैक्सी चालकों और ऑटोरिक्शा चालकों को धमकाया गया और यात्रियों को उतारने के लिए कहा गया। टैक्सी और ऑटो यूनियनों ने कहा कि अपर्याप्त भुगतान के साथ-साथ एग्रीगेटर्स द्वारा मोटरसाइकिल टैक्सी सेवाएं शुरू किए जाने से उनकी आजीविका प्रभावित हुई है।
दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन (डीएटीटीसीयू) के अध्यक्ष किशन वर्मा ने दावा किया कि राजधानी में 80 प्रतिशत ऑटोरिक्शा और टैक्सियां सडकों से नदारद हैं। उन्होंने घोषणा की कि जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं, एक कैब चालक आदर्श तिवारी ने कहा कि कंपनियां हमें हमारी सेवाओं के लिए बहुत कम भुगतान करती हैं। इसके कारण हम अपने वाहनों की किस्त भरने और अन्य खर्चों को पूरा करने में असमर्थ हैं। हम अपने बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा और अपने परिवारों के लिए पर्याप्त भोजन सुनिश्चित करने में असमर्थ हैं। लोगों ने सोशल मीडिया पर कैब मिलने में देरी और बुकिंग रद्द होने के बारे में शिकायत की।
हड़ताल में भाग नहीं लेने वाले चालकों को धमकाते दिखा चालक
सोशल मीडिया मंच एक्स पर उपयोगकर्ता प्रशुष ने पोस्ट किया, पिछले 35 मिनट नोएडा में दिल्ली के लिए कैब लेने की कोशिश में गुजार दिए। ओला कैब, उबर इंडिया, रैपिडो बाइक ऐप में क्या समस्या है। कर्मचारी मानसी पांडे ने कहा कि हड़ताल में भाग नहीं लेने वाले ऑटोरिक्शा चालकों को धमकाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं अपने घर से अपने कार्यस्थल की ओर जा रही थी और ईस्ट ऑफ कैलाश के पास एक ऑटो लिया। पहले तो ऑटो मिलना मुश्किल था, लेकिन जब मुझे एक ऑटो मिला, तो चालक ने अधिक किराया मांगा। देरी के कारण मैं अधिक भुगतान करने के लिए सहमत हो गई, लेकिन कुछ मीटर आगे पहुंचने पर लगभग पांच से 10 लोगों ने ऑटो रोक दिया और हड़ताल का हवाला देकर मुझे बाहर निकलने के लिए कहा।
दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महासचिव राजेंद्र सोनी ने आरोप लगाया कि चालकों को धमकाया जा रहा है। उनका संघ हड़ताल का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि कई चालक हड़ताल का हिस्सा नहीं हैं। रेलवे स्टेशनों और बस स्टॉप के बाहर चालकों को धमकाया जा रहा है। हम मांग करते हैं कि पुलिस इन जगहों के बाहर निगरानी बढ़ाए। डीएटीटीसीयू के अध्यक्ष वर्मा ने कहा कि जब निजी वाहनों को चलने की अनुमति है तो हमें परमिट लेने और करों का भुगतान करने के लिए क्यों मजबूर किया जाता है? हम मांग करते हैं कि सरकार मोटरसाइकिल टैक्सियों पर प्रतिबंध लगाए।
हिंसा की घटनाओं पर उन्होंने कहा कि महिपालपुर, नजफगढ़, यमुना पार क्षेत्र में कुछ घटनाएं हुई हैं लेकिन हमारी यूनियन का इससे कोई लेना-देना नहीं है। वर्मा ने कहा कि यह असामाजिक तत्व हैं जो विरोध प्रदर्शन से लाभ उठाने और विरोध प्रदर्शन में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह विपक्ष का काम है।