नई दिल्ली। सोनीपत के खरखौदा में शुक्रवार रात मुठभेड़ में ढेर हुए तीनों बदमाश गोहाना में एक बड़े डॉक्टर की हत्या करने जा रहे थे। पुलिस कहना है कि भाऊ ने डॉक्टर से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। डॉक्टर ने रंगदारी देने से मना करते हुए कहा था कि मैं तो मरीजों का इलाज करता हूं। पैसे क्यों दूं।
इस पर भाऊ ने डॉक्टर को कहा था कि वह उसकी 48 घंटे में हत्या करवा देगा। डॉक्टर ने इसकी शिकायत हरियाणा एसटीएफ को भी की थी। डॉक्टर का खानपुर में हाईवे पर बड़ा अस्पताल है। इस अस्पताल के कारण ही भाऊ की नजरों में डॉक्टर आया था।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अपराध शाखा ने भाऊ के 20 नंबरों को ट्रेस किया है। वह हर नए काम व साथियों को निर्देश देने के लिए नए सिम खरीदता है। इन नंबरों से पता लगा है कि भाऊ इस समय अमेरिका है, जबकि उसे पुर्तगाल में बताया जा रहा था। मारे गए तीनों शूटरों का इस्तेमाल भाऊ रंगदारी नहीं देने पर लोगों को धमकाने और हत्या के लिए करता था।
दिल्ली के बर्गर किंग में शूटरों ने अमन को 38 गोलियां मारी थीं। भाऊ का कहना था कि अमन ने उसके भाई शक्ति की मुखबिरी की थी। बदला लेने के लिए अमन की हत्या की गई है। हालांकि, कहा जा रहा है कि पश्चिमी दिल्ली में वर्चस्व बनाने के लिए अमन की हत्या की गई थी, ताकि वह आसानी से रंगदारी वसूल सके।
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा और सोनीपत एसटीएफ की संयुक्त टीम से महज 13 मिनट में गैंगस्टर हिमांशु भाऊ के तीन बदमाशों को ढेर कर दिया था। इस दौरान दोनों ओर से 43 गोलियां चली थीं। एक गोली दिल्ली पुलिस के एसआई अमित की टांग में लगी जबकि एक-एक गोली पुलिस उपायुक्त अमित गोयल और एसीपी उमेश भर्तवाल की बुलेट प्रूफ जैकेट पर लगी। गोलियों की तड़तड़ाहट बंद हुई तो टीम फौरन बदमाशों के नजदीक पहुंची।
तीनों खून से लथपथ पड़े थे। शुक्रवार रात 8.53 बजे संयुक्त टीम ने कंट्रोल रूम और एंबुलेंस को कॉल की। इसके बाद आशीष उर्फ लालू, विक्की उर्फ छोटा उर्फ रिधाना व सन्नी गुर्जर उर्फ करड़ को खरखौदा के अस्पताल भेजा गया, जहां तीनों को मृत घोषित कर दिया गया। इनके पास से पांच ऑटोमैटिक पिस्टल, 19 कारतूस और एक किया कार मिली है।
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