• भाजपा के नेतृत्व में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ

Atishi Resignation, (आज समाज), नई दिल्ली: आतिशी ने रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी की हार के बाद उन्होंने आज राज निवास में उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Lieutenant Governor VK Saxena) को इस्तीफा सौंपा। दूसरी तरफ उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आज से दिल्ली की सातवीं विधानसभा को भंग कर दिया। इससे राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा के नेतृत्व में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया है।

एलजी के आदेश में यह कहा गया

एलजी के आदेश में कहा गया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 की धारा 6 की उपधारा (2)(बी) द्वारा मुझे प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए, मैं, विनय कुमार सक्सेना, दिल्ली का उपराज्यपाल, 8 फरवरी, 2025 से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सातवीं विधानसभा को भंग करता हंू।

आतिशी केजरीवाल के इस्तीफे के बाद सितंबर में बनी सीएम

आतिशी (43) पिछले साल सितंबर से दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत थीं। केजरीवाल द्वारा सीएम पद से इस्तीफा देने के कुछ दिन बाद उन्हें मुख्यमंत्री के पद पर पदोन्नत किया गया। वह सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं।

चुनावों में आम आदमी पार्टी को लगा है  करारा झटका

बता दें कि विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) को करारा झटका लगा है। बीजेपी ने उसे करारी शिकस्त दी है। आप केवल 22 सीटें ही हासिल कर सकी है, जो पिछली बार मिली 62 सीटों से काफी कम है। वहीं बीजेपी ने कुल 70 में से 48 सीटें जीतकर आप को बाहर का रास्ता दिखा दिया और 27 साल बाद राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में वापसी की है। कांग्रेस फिर से कोई सीट जीतने में विफल रही है।

आतिशी ने खाई बीजेपी के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की कसम

हालांकि, आतिशी ने कड़े मुकाबले के बाद कालकाजी सीट बरकरार रखी है। उन्होंने यहां भाजपा के रमेश बिधूड़ी को 3,521 मतों से हरा दिया। अपनी व्यक्तिगत जीत को स्वीकार करते हुए, आतिशी ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में आप की हार को स्वीकार किया और भाजपा के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की कसम खाई।

आप के लिए खास है आतिशी की जीत

कालकाजी निर्वाचन क्षेत्र में आतिशी की जीत आप के लिए खास है, खासकर तब जब पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित इसके कई शीर्ष नेता अपने निर्वाचन क्षेत्र हार गए। भाजपा के प्रवेश वर्मा नई दिल्ली सीट पर केजरीवाल पर 4,000 से अधिक मतों की निर्णायक जीत के साथ विधानसभा चुनाव में दिग्गज बनकर उभरे।

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