Delhi News: सुप्रीम कोर्ट ने 18 आरोपियों को बरी किया, ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसले को पलटा

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 नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कुरुक्षेत्र जिले के पिहोवा में हुई 2015 की घटना से जुड़े 18 आरोपियों को बरी कर दिया है। इससे पहले, ट्रायल कोर्ट और पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी ठहराते हुए 5 साल की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इन फैसलों को पलटते हुए कहा कि मामले में पर्याप्त सबूत नहीं थे, जिससे आरोपियों को दोषी ठहराया जा सके।
 एडवोकेट मोहम्मद फुजैल खान और शीशब ने बताया कि 5 अक्टूबर 2015 को कुरुक्षेत्र के पिहोवा में एक जमीन विवाद को लेकर झगड़ा हुआ था। आरोप था कि बलजीत सिंह, बलवान सिंह, महेंद्र सिंह, कर्मवीर और मुख्तियार ने पंचायत से छह महीने के लिए जमीन लीज पर ली थी और उसमें गेहूं बोया था। इस दौरान हुए विवाद में भोला सिंह, देवेंद्र सिंह, गुरमीत सिंह, रणधीर सिंह, कुलदीप सिंह, सानू, सुख सिंह, मलकीत सिंह, गुरनाम सिंह, प्रेम सिंह, कश्मीर सिंह, वीरेंद्र, सुरेंद्र, निशांत और लखविंदर कौर सहित 18 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
 पुलिस जांच और निचली अदालत का फैसला पुलिस ने 9 अगस्त 2016 को आरोप पत्र दाखिल किया था। इसके बाद ट्रायल कोर्ट ने 11 मार्च 2022 को सभी 18 आरोपियों को दोषी मानते हुए 5 साल की सजा सुनाई थी। इस फैसले को बाद में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने भी 19 फरवरी 2024 को बरकरार रखा।
 आरोपियों ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले की जांच करने के बाद कहा कि आरोपियों के खिलाफ ठोस और पुख्ता सबूत नहीं थे, जो उन्हें दोषी साबित कर सकें। न्यायालय ने पाया कि मामले में कई विसंगतियां थीं और अभियोजन पक्ष आरोप सिद्ध करने में विफल रहा।