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- दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड 246-47 किलोमीटर लंबा
आज समाज डिजिटल, जयपुर, (Delhi-Mumbai Expressway): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे के पहले चरण का उद्घाटन कर दिया। उन्होंने राजस्थान के दौसा में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का फर्स्ट फेज दिल्ली-दौसा-लालसोट देश को समर्पित किया। आठ लेन वाला यह एक्सप्रेस-वे लगभग 246-47 किलोमीटर लंबा है और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से जयपुर जाने वाले लोगों के लिए यह बड़ा तोहफा होगा।
18,100 करोड़ से अधिक की सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास
पीएम ने इस अवसर पर 18,100 करोड़ रुपए से अधिक की सड़क विकास परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पहले चरण की शुरुआत विकसित होते भारत की भव्य तस्वीर है। इस हाईवे के बनने से दिल्ली-दौसा-लालसोट के बीच जयपुर से दिल्ली जाने का टाइम आधा हो जाएगा। उन्होंने कहा, देश के सबसे आधुनिक एक्सप्रेस-वे में से एक दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे बंदरगाहों और लॉजिस्टिक पार्क को कई राज्यों से जोड़ेगा।
देश की प्रगति को ऐसे प्रोजेक्ट्स से मिलती है गति
पीएम ने कहा, जब ऐसी आधुनिक सड़कें, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और मेट्रो बनते हैं तो देश की प्रगति को गति मिलती है। उन्होंने कहा, पिछले नौ वर्ष से केंद्र सरकार लगातार बुनियादी ढांचे पर बड़ी रकम खर्च कर रही है। इस साल के बजट में केवल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 10 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह 2014 की तुलना में पांच गुना ज्यादा है और इस निवेश से राजस्थान को काफी फायदा होने वाला है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के साथ वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर भी देश के साथ ही राजस्थान के लिए भी प्रगति के दो मजबूत स्तंभ बनने जा रहे हैं। ये प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात की भी तस्वीर बदल देंगे।
हरियाणा सहित छह राज्यों से गुजरेगा मार्ग
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे छह राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा और कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ेगा। इसकी कुल लंबाई 1,385-86 किलोमीटर होगी और इस तरह यह भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। दिल्ली- मुंबई के बीच यात्रा की दूरी को यह 12 फीसदी कम करके 1,424 किमी से 1,242 किमी कर देगा। वर्तमान में इस सफर में 24 घंटे लगते हैं और एक्सप्रेस के कंपलीट होने से इसमें लगभग 12 घंटे लगेंगे यानी यात्रा के समय में वर्तमान 24 घंटे से 12 घंटे तक 50 प्रतिशत की कमी आएगी।
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