Delhi Judge Cash Row: जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर कैश मिलने के मामले में FIR दर्ज करने की मांग वाली याचिका खारिज

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Delhi Judge Cash Row
Delhi Judge Cash Row: जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर कैश मिलने के मामले में FIR दर्ज करने की मांग वाली याचिका खारिज

Supreme Court On Judge Cash Case, (आज समाज), नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के सरकारी आवास पर नकदी मिलने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग वाली याचिका आज खारिज कर दी। वर्मा पर 14 और 15 मार्च की रात को आग लगने के दौरान उनके आवास से नकदी बरामद होने और निकाले जाने का आरोप है। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अभी इंटरनल जांच चल रही है, इस वजह से इसमें दखल देना सही नहीं होगा।

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34 वर्ष पुराने एक फैसले को चुनौती दी

याचिका में 34 वर्ष पुराने शीर्ष अदालत के एक फैसले को भी चुनौती दी गई थी जिस पर जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस अभय एस ओक की पीठ ने मामले की सुनवाई की। याचिका के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 1991 में के वीरस्वामी मामले में अपना फैसला सुनाया था कि सीजेआई की अनुमति के बिना उच्च न्यायालय अथवा सुप्रीम कोर्ट के किसी न्यायाधीश के खिलाफ कोई आपराधिक मामला शुरू नहीं किया जा सकता।

यह है मामला

बता दें कि 14 मार्च को होली के दिन जस्टिस वर्मा के घर में आग लग गई थी। सूचना के बाद जब दमकल विभाग की टीम आग बुझाने पहुंची तो वर्मा के आवास के स्टोर रूम में उन्हें बोरियों में भरे 500-500 रुपए के अधजले नोट बरामद हुए थे। मामले में दिल्ली पुलिस के आठ कर्मचारियों के मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं और इन्हें जांच के लिए फोरेंसिक विभाग को भेजा गया है। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि तुगलक रोड थाने के एसएचओ व उनकी टीम के मोबाइलों की जांच की जा रही है।

यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं अधिकारी 

अधिकारी इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि जब आग लगी और अफसर मौके पर पहुंचे तो क्या उनके मोबाइल फोन पर किसी तरह का कोई वीडियो रिकॉर्ड किया गया था अथवा नहीं। यदि वीडियो रिकॉर्ड किया गया था, तो क्या उसके साथ कोई छेड़छाड़ की गई है। दिल्ली पुलिस ने सभी के बयान भी दर्ज कर लिए हैं।

दमकल विभाग के प्रमुख ने दी गवाही, बयान दर्ज करवाया

दिल्ली दमकल विभाग के प्रमुख अतुल गर्ग भी गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और जांच पैनल के समक्ष उन्होंने गवाही दी व अपना बयान दर्ज कराया। सूत्रों के मुताबिक चाणक्यपुरी स्थित हरियाणा स्टेट सर्किट हाउस में उन्होंने जांच पैनल के सामने गवाही दी। उन्होंने दमकल कर्मियों के कैश बरामद करने के दावों से इनकार किया है।

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