Delhi High Court ने मुखर्जी नगर आग की घटना पर स्वत: संज्ञान लिया, दिल्ली फायर सर्विस, दिल्ली पुलिस और एमसीडी को जारी किया नोटिस 

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दिल्ली हाई कोर्ट
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6* दिल्ली हाई कोर्ट ने मुखर्जी नगर आग की घटना पर स्वत: संज्ञान लिया, दिल्ली फायर सर्विस, दिल्ली पुलिस और एमसीडी को जारी किया नोटिस 
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मुखर्जी नगर अग्निकांड का स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने दिल्ली फायर सर्विस, दिल्ली पुलिस और एमसीडी को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है। पीठ ने दिल्ली अग्निशमन सेवा को अग्नि सुरक्षा ऑडिट करने और यह जांचने का भी निर्देश दिया कि अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र जारी किए गए थे या नहीं। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि गुरुवार को दिल्ली के मुखर्जी नगर में एक कोचिंग सेंटर की इमारत में आग लगने के बाद कम से कम 61 लोगों को तीन अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। 61 लोगों में से 60 छात्र और एक गार्ड था। 50 छात्रों को अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है जबकि गार्ड सहित बाकी 11 का इलाज चल रहा है। बयान के अनुसार, घटना के समय विभिन्न कोचिंग सेंटरों के करीब 200-250 छात्र कक्षाओं में थे।
करीब 10 फायर टेंडर और 16 कैट एंबुलेंस मौके पर पहुंची और बचाव और राहत कार्य चलाया गया। बयान में कहा गया है कि आग को बुझा दिया गया और पहली और दूसरी मंजिल से छात्रों को इमारत से बाहर निकाल लिया गया। घटना स्थल का जिला क्राइम टीम ने मौका मुआयना किया और फोटोग्राफी कराई। एफएसएल रोहिणी की फॉरेंसिक टीम ने घटना स्थल का मुआयना किया है। पीएस मुखर्जी नगर में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 336/337/338/120बी/34 के तहत मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच जारी है। इस बीच, दिल्ली के मुखर्जी नगर में विभिन्न कोचिंग सेंटरों के छात्रों ने घटना के बाद विरोध प्रदर्शन किया और सड़क जाम कर दिया। छात्रों ने नारेबाजी की और न्याय की मांग को लेकर पोस्टर लगाए। दिल्ली पुलिस के पीआरओ सुमन नलवा ने कहा कि इमारत के बिजली के मीटर में आग लग गई। उन्होंने कहा, “जिस इमारत में आज आग लगी, वहां से भागते समय कुछ छात्रों को चोटें आईं। इमारत में कोई भी व्यक्ति नहीं फंसा है। इमारत के बिजली मीटर में आग लग गई। बढ़ते धुएं के कारण दहशत फैल गई।” . हालांकि, टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ने एक बयान में कहा, “मुखर्जी नगर में कोचिंग सेंटर में हाल ही में आग लगने की घटना के संबंध में, यह स्पष्ट किया जाता है कि आग लगने का कारण फिलहाल अज्ञात है। ऑन-ग्राउंड टीम निरीक्षण और प्रथम दृष्टया के अनुसार , धुआं चौथी मंजिल पर एयर कंडीशनिंग यूनिट में शुरू हुआ और बिजली के मीटर के आसपास नहीं; हालांकि, पुलिस ने इलाके में बैरिकेडिंग कर दी थी, और आगे की जांच जारी है।”
7* सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक के पूर्व प्रमोटर संजय चंद्रा की पत्नी प्रीति चंद्रा को जारी किया नोटिस 
सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक के पूर्व प्रमोटर संजय चंद्रा की पत्नी प्रीति चंद्रा को जमानत देने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर शुक्रवार को प्रीति चंद्रा को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अवकाशकालीन पीठ ने प्रीति चंद्रा को जमानत देने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। अदालत ने प्रीति चंद्रा से दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा। प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन मामले में प्रीति चंद्रा को जमानत देने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में यूनिटेक के पूर्व प्रमोटर संजय चंद्रा की पत्नी प्रीति चंद्रा को बुधवार को जमानत दे दी। हालांकि, ईडी के वकील के अनुरोध पर, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि आदेश शुक्रवार तक प्रभावी नहीं हो सकता है क्योंकि ईडी को इसे चुनौती देनी है। ईडी ने पिछले साल यूनिटेक ग्रुप के संस्थापक रमेश चंद्र, प्रीति चंद्रा (संजय चंद्रा की पत्नी) और कार्नौस्टी ग्रुप के राजेश मलिक को हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए घर खरीदारों से फंड इकट्ठा करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। हालांकि, ईडी के मुताबिक, जिस मकसद के लिए रकम इकट्ठी की गई थी, उसका इस्तेमाल नहीं किया गया। प्रीति चंद्रा को नवंबर 2022 में ट्रायल कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया था। ईडी के अनुसार, यूनिटेक लिमिटेड, जहां आरोपी रमेश चंद्र अध्यक्ष हैं, और सह-आरोपी अजय चंद्रा और संजय चंद्रा निदेशक हैं, ने आवास परियोजनाओं के लिए घर खरीदारों से धन एकत्र किया।
7* पुरोला महापंचायत: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कानून व्यवस्था बनाए रखने को कहा 
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पुरोला जिले में महापंचायत को लेकर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि लोगों की संपत्ति को कोई नुकसान न हो। हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। इसने अपने आदेश में यह भी कहा कि संगठनों को धरना, प्रदर्शन, रैलियां और बैठकें करने के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेने की आवश्यकता है। कोर्ट ने गुरुवार को अपने आदेश में संबंधित पक्षों को इस मुद्दे पर टीवी डिबेट और सोशल मीडिया पर अपने विचार रखने से भी परहेज करने को कहा। कोर्ट ने कहा कि ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि स्थिति शांतिपूर्ण बनी रहे।
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने उत्तरकाशी के जिलाधिकारी को पुरोला में किसी भी तरह की कानून व्यवस्था की समस्या होने पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। इस बीच, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को कहा कि पुरोला कांड के संबंध में किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी.ल। धामी ने कहा, ‘किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।’ उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने बुधवार को उत्तराखंड के पुरोला शहर में 15 जून को होने वाली प्रस्तावित महापंचायत की अनुमति देने से इनकार कर दिया, जहां पिछले महीने एक नाबालिग लड़की के अपहरण के कथित प्रयास को लेकर सांप्रदायिक तनाव देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा, ”हमने सभी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.” उन्होंने कहा कि अगर कोई माहौल खराब करने की कोशिश करेगा तो कानून अपना काम करेगा। उन्होंने कहा, “अब तक जो घटनाएं हुई हैं, उनमें प्रशासन ने ठीक से काम किया है। अगर कोई दोषी है तो कानून उसके खिलाफ काम करेगा। किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए।”
8: *प.बंगाल पंचायत चुनाव, पैरा मिलिटरी की तैनाती के आदेश के खिलाफ ममता सरकार की समीक्षा याचिका* 
पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव के लिए राज्य के सभी जिलों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती के लिए हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ ममता सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट में समीक्षा याचिका दायर की है।
विपक्षी पार्टियां राज्य पंचायत चुनाव के दौरान केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंची थीं। गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम की खंडपीठ ने उनकी याचिकाओं पर फैसला सुनाया था। वहीं, एक अधिकारी ने राज्य चुनाव आयोग के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में एक और याचिका लगाई है। उन्होंने मांग की है कि जिन लोगों को नामांकन करने से रोका गया है, उनको दोबारा से मौका मिले।
दरअसल, पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के नामांकन का गुरुवार को आखिरी दिन था। राज्य के अलग-अलग जिलों से हिंसा की खबरें आ रही हैं। कहीं मारपीट हुई तो कहीं गोली और बम चले। गुरुवार को पूरे दिन प्रदेश भर में हिंसा जारी रही। इस हिंसा ने तीन लोगों की जान ले ली है। दक्षिण 24 परगना में हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई है। 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें पुलिसकर्मी भी हैं। उनको अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कई जगह धारा 144 लागू कर दी गई है, जबकि कई जगह इंटरनेट सेवा बंद करने की खबर भी आ रही है।
उत्तरी दिनाजपुर में तीन लोगों की गोली मार दी गई, जब वे नामांकन पत्र दाखिल करने जा रहे थे। बताया जा रहा है कि ये सीपीआईएम और कांग्रेस के कार्यकर्ता थे। जिनमें से एक की मौत हो गई। दक्षिण 24 परगना जिले में भी दिनभर गोली और बम चलने की खबरें आती रहीं। यहां भांगड़ 2 बीडीओ कार्यालय परिसर बम धमाकों से दहल उठा। इस हमले में एक आईएसएफ कर्मी की मौत हो गई। हिंसा में घायल पुलिलकर्मी सहित 20 से अधिक लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद पुलिस फोर्स को तैनात कर दी गई है।
10*गुजरात हाईकोर्ट में चार लोगों ने जज के सामने की आत्महत्या की कोशिश* 
गुजरात हाईकोर्ट में जज के सामने चार लोगों द्वारा आत्महत्या की कोशिश करने का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। इस घटना से जज भी व्यथित नजर आए।
गुरुवार को हाई कोर्ट में धोखाधड़ी के एक मामले में सुनवाई के दौरान यह वाकया हुआ। सुनवाई के दौरान, कोर्ट रूम में अचानक एक साथ चार लोगों ने फिनाइल पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की। पुलिस ने आनन-फानन में स्थिति को संभला और चारों को उपचार के लिए अस्पताल भेजा। इस घटना के बाद एक बार फिर अदालत परिसर में सुरक्षा के दावों पर सवाल खड़े हो गए हैं।
जानकारी के मुताबिक, फिनाइल पीकर आत्महत्या की कोशिश करने वाले चारों लोगों ने ऋण के लिए बैंक से संपर्क किया था, जिसे विधिवत रूप से मंजूर किया गया था, लेकिन बैंक के महाप्रबंधक और दो अन्य लोगों ने धोखाधड़ी करते हुए उनके दस्तावेजों को जाली बनाकर रकम को निकाल लिया था। इस संबंध में पीड़ितों ने तीनों आरोपियों के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई थी। बावजूद इसके बैंक की ओर से उन्हें कर्ज की वसूली के लिए परेशान किया जा रहा था।
पुलिस ने कहा कि इस कारण वे पहले से ही व्यथित थे। उनके मुकदमे के सुनवाई के दौरान, जब अदालत ने आरोपियों की गिरफ्तारी से पहले ही जमानत दे दी तो वे और परेशान हो गए और उन्होंने आत्महत्या करने की कोशिश की। सोला पुलिस स्टेशन से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल चारों लोगों की हालत स्थिर है। चारों की पहचान शैलेश पांचाल , उनकी पत्नी जयश्रीबेन, हार्दिक पटेल और मनोज वैष्णव के रूप में हुई है। वे अहमदाबाद के रहने वाले हैं।
शैलेश पांचाल, उनकी पत्नी और अन्य दो ने, ऋण सलाहकार चिंतन शाह, महाप्रबंधक किन्नरभाई और प्रबंधक अतुल शाह के खिलाफ अहमदाबाद के आनंदनगर पुलिस थाने में जालसाजी, धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात की शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, जबकि बैंक लगातार उन पर वसूली का दबाव बना रहा था।