ईवी पॉलिसी 2.0 जल्द होगी लागू, सीएनजी वाहनों की जगह लेंगे इलेक्ट्रिक वाहन
Delhi Pollution News(आज समाज), नई दिल्ली। दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार लगातार प्रयास कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह सड़कों पर दौड़ते लाखों वाहन हैं। जोकि 12 महीने दिल्ली की हवा में जहरीले कण छोड़ते रहते हैं इसी के चलते दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा। इससे निजात पाने के लिए जहां दिल्ली की पिछली सरकार ने भी अपने स्तर पर काफी प्रयास किए थे वहीं मौजूदा सरकार इस क्षेत्र में क्रांतिकारी प्रयास करने में लगी हुई है। सरकार द्वारा जो प्रयास किए जा रहे हैं उनमें से एक है इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाना।
यह है सरकार की ईवी पॉलिसी का मकसद
दिल्ली सरकार जल्द ही अपनी नई इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) पॉलिसी 2.0 लॉन्च करने जा रही है, जो मौजूदा ईवी नीति की जगह लेगी। इस नई नीति का मकसद राजधानी दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने को बढ़ावा देना है।
दिल्ली सरकार जल्द ही अपनी नई इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) पॉलिसी 2.0 लॉन्च करने जा रही है, जो मौजूदा ईवी नीति की जगह लेगी। इस नई नीति का मकसद राजधानी दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने को बढ़ावा देना है। इसके तहत कई बड़े बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं, जिनमें सबसे अहम है- सीएनजी से चलने वाले आॅटो रिक्शा को चरणबद्ध तरीके से धीरे-धीरे हटाना।
15 अगस्त के बाद नहीं होगा सीएनजी आटो का रजिस्ट्रेशन
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि ड्राफ्ट ईवी पॉलिसी 2.0 में साफ सिफारिश की गई है कि 15 अगस्त 2025 के बाद किसी भी नए सीएनजी आॅटो का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, पहले से चल रहे सीएनजी आॅटो के परमिट का नवीनीकरण (रिन्युअल) भी नहीं किया जाएगा। इन परमिट्स को इलेक्ट्रिक आॅटो रिक्शा के परमिट से बदला जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली ईवी नीति 2.0 के मसौदे में नगर निकायों और सिटी बसों द्वारा बड़ी संख्या में इस्तेमाल किए जाने वाले ठोस अपशिष्ट ले जाने वाले जीवाश्म ईंधन से चलने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने की भी सिफारिश की गई है।
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