Delhi Assembly Session Live : दिल्ली सरकार आज पेश करेगी स्वास्थ्य संबंधी कैग रिपोर्ट

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Delhi Assembly Session Live : दिल्ली सरकार आज पेश करेगी स्वास्थ्य संबंधी कैग रिपोर्ट
Delhi Assembly Session Live : दिल्ली सरकार आज पेश करेगी स्वास्थ्य संबंधी कैग रिपोर्ट

पहली कैग रिपोर्ट में आप सरकार पर 2000 करोड़ से अधिक सरकारी नुकसान आया था सामने

Delhi Assembly Session Live (आज समाज), नई दिल्ली : भाजपा की दिल्ली सरकार ने विधानसभा के पहले ही सत्र में कैग की लंबित रिपोर्ट सदन में रखने का फैसला लिया था। मंगलवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सदन में आप सरकार द्वारा जारी की गई नई आबकारी नीति संबंधी रिपोर्ट रखी थी जिसमें सामने आया था कि उससे दिल्ली के खजाने को दो हजार करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ था। इसके साथ ही और भी बहुत सारी खामियां सामने आई थी। जिसके बाद आम आदमी पार्टी के कई सीनियर नेता भी मुश्किल में फंसते नजर आए थे। वहीं आज मुख्यमंत्री सदन के सामने दूसरी कैग रिपोर्ट रखेंगी।

आप सरकार की कार्यप्रणाली आएगी सामने

दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी कैग रिपोर्ट पेश की जाएगी। सूत्रों का कहना कि रिपोर्ट में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और सरकारी अस्पतालों के कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। इसके मद्देनजर भाजपा ने 13 अन्य रिपोर्टों के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवा से संबंधित कैग रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करने का दबाव बनाया था, लेकिन आप सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया था। रिपोर्ट में अस्पतालों में बेड व डॉक्टरों की कमी, चिकित्सा सुविधाओं का अभाव और मरीजों के इलाज में हो रही देरी जैसे मुद्दों को प्रमुख रूप से उठाया गया है।

सीएजी रिपोर्ट पर क्या भाजपा-आप की मिलीभगत कर रहीं : कांग्रेस

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि भाजपा की नवनियुक्त सरकार के विधानसभा सत्र के तीसरे दिन भी दिल्ली की जनता से किए वादों पर कुछ नहीं हुआ और शराब घोटाले के अतिरिक्त अन्य 13 सीएजी रिपोर्ट को सदन में नहीं रखना भाजपा की मंशा पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। दिल्ली सरकार द्वारा बची हुई सीएजी रिपोर्ट पटल पर न रखकर सच्चाई को छुपाना भाजपा और आम आदमी पार्टी की आपसी मिली भगत को दर्शाता है।

देवेन्द्र यादव ने कहा कि शराब घोटाले की सीएजी रिपोर्ट पर विस्तृत चर्चा करने के लिए भाजपा सरकार की निष्क्रियता से स्पष्ट है कि भाजपा नेता शराब नीति लागू होने में हुए अनैतिक लाभ के हिस्सेदार थे। इस पर गंभीरता से चर्चा नही होना भाजपा की आम आदमी पार्टी से मिलीभगत को उजागर करता है। कहीं अन्य रिपोर्ट इसलिए तो लागू नही की जा रही कि उन विभागों में हुए भ्रष्टाचार में भी भाजपा की मिलीभगत तो नही?

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