नई दिल्ली:
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चै0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली में सरकार और प्रशासन नाम की कोई चीज नही बची है क्योंकि सरकार जिसे जनता ने वोट देकर चुना था वह दिल्ली की जनता के हितों की रक्षा करने की बजाय शराब माफिया के साथ मिलकर ठेके-दार की भूमिका निभा रही है और मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्ली में उपराज्यपाल जैसे संवैधानिक पदों को भी ठीक से काम नही करने दे रहे और नियम-कानून की धज्जियां उड़ाकर आनन-फानन में फैसले ले रहे है।
पूरी दिल्ली का सामाजिक माहौल बिगड़ रहा
चै0 अनिल कुमार ने कहा कि शराब नीति में हुए एक सप्ताह में भ्रष्टाचार पर जांच के डर से केजरीवाल सरकार द्वारा नई शराब नीति को वापस लेने की घोषणा करने के बाद तुरंत मनीष सिसोदिया द्वारा एक महीने तक ठेके खोलने का आदेश देना पूरी तरह शराब माफिया के दवाब में काम करना है। वह अब कालोनियों, मौहल्लों मे अवैध शराब बिकने के कारण लग रही है, पूरी दिल्ली का सामाजिक माहौल बिगड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह दिल्लीवासियों का दुर्भाग्य है कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पहले ऐसे मुख्यमंत्री है जिनके पास कोई मंत्रालय प्रभार नही है और जेल में बंद सत्येन्द्र जैन भी बिना मंत्रालय के मंत्री बरकरार है। उपराज्यपाल से मांग की कि शराब माफिया के ठेके-दार मनीष सिसोदिया को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त कर देना चाहिए।
कुछ जेल जाने की लाईन में
अनिल कुमार ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आबकारी नीति को वापस लेने की घोषणा बिना केबिनैट और उपराज्यपाल की सहमति तो करते है परंतु जब दिल्ली की जनता शराब नीति के विरोध में सड़कों पर थी तब दिल्ली सरकार ने लाईसेंस बांटने के नाम पर सैंकड़ों करोड़ का भ्रष्टाचार किया और नई शराब नीति को लागू करने में न तो अपने विधायकों, न जन प्रतिनिधियों और न सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं से इसकी राय ली थी।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वाले अरविन्द केजरीवाल की सरकार के 80 प्रतिशत मंत्रियों को भ्रष्टाचार के कारण या इस्तीफा देना पड़ा है या जेल जाना पड़ा है और कुछ जेल जाने की लाईन में है, यदि आबकारी नीति में हुए भ्रष्टाचार की निष्पक्षता से जांच होगी तो मनीष सिसोदिया भी कुछ दिनों में जेल में होंगे।