पिछले 7 सालों में दिल्ली सरकार ने शिक्षा में खड़ा किया शानदार मॉडलः सिसोदिया

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Delhi government made a great model in the field of education in 7 years

उपमुख्यमंत्री ने दिल्ली सरकार के 800 स्कूल प्रमुखों के साथ की चर्चा, आगामी सत्र के लिए शिक्षण संबंधी रणनीति बनाने के लिए मांगे सुझाव

नई दिल्ली:
पिछले सात सालों में दिल्ली सरकार ने स्कूलों पर काफी काम किया है और शिक्षा का एक शानदार मॉडल दिया है। यह बात दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को दिल्ली सरकार के स्कूलों के स्कूल प्रमुखों के साथ बातचीत के दौरान कहीं। उपमुख्यमंत्री ने इस दौरान स्कूल प्रमुखों से विचार-विमर्श करते हुए उनके सुझाव लिए। इस बातचीत में दिल्ली सरकार के 800 से अधिक स्कूल के स्कूल प्रमुखों ने भाग लिया।

स्कूल में कुछ भी उस न्यूनतम रेखा से नीचे न हो

सिसोदिया ने इस मौके पर स्कूल प्रमुखों को निर्देश दिया कि सभी स्कूल प्रमुख अब अपने स्कूल में स्कूल की बिल्डिंग, साफ-सफाई, क्लासरूम की सुन्दरता, माहौल और बच्चों की पढ़ाई के स्तर को लेकर मिनिमान बेंचमार्क तैयार करें। उन्होंने कहा पिछले सात सालों में सरकार ने स्कूलों पर काफी काम किया है और शिक्षा का एक शानदार मॉडल दिया है, लेकिन अब ये स्कूल प्रमुखों की जिम्मेदारी है कि वह अपनी जबाबदेही तय करने हुए अपने स्कूल के लिए स्वयं एक न्यूनतम बेंचमार्क तैयार करें और ये सुनिश्चित करें कि स्कूल में कुछ भी उस न्यूनतम रेखा से नीचे न हो और इस बात की गारंटी ले कि जो कुछ हो उससे ऊपर हो। इसके लिए सरकार स्कूलों को हर जरुरी सुविधाएं और पैसा उपलब्ध करवाएगी। साथ ही शिक्षा विभाग के अधिकारी द्वारा समय-समय पर स्कूल जाकर ये रिव्यु किया जाएगा कि स्कूलों में सभी चीजों का ध्यान रखा जा रहा है या नहीं।

स्कूल खुलने के बाद बच्चों में सिलेबस पूरा करने पर न दिया जाए जोर

दिल्ली सरकार के स्कूल प्रमुखों के साथ चर्चा करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि श्मिशन बुनियाद की क्लासेज हाल ही में समाप्त हुई हैं और इसमें हमारे स्कूलों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। लेकिन हमें अपनी भविष्य की रणनीतियों के बारे में अभी से सोचने की जरूरत है, ताकि पिछले दो वर्षों में महामारी के कारण जो लर्निंग गैप आया है उसे खत्म किया जा सके। उन्होंने कहा कि स्कूल खुलने के बाद सिलेबस को पूरा करने की कोई जल्दी न हो बल्कि बच्चों में व्यवहारिक समझ विकसित करने पर काम किया जाए।

स्कूल बिल्डिंग के रखरखाव को लेकर न्यूनतम बेंचमार्क करें तैयार

सिसोदिया ने कहा कि बहुत से स्कूल प्रमुख में अपने स्कूल की बेहतरी के लिए जुनून है और ऐसा जुनून हमारे सभी स्कूल प्रमुखों के अंदर होना चाहिए। इसके लिए हर स्कूल प्रमुख को अपने स्कूल के लिए एक मिनिमान बेंचमार्क तैयार करना है। ये सुनिश्चित करना है कि उनके स्कूल का एक भी बच्चा उस बेसलाइन से नीचे न हो। साथ ही सभी स्कूल प्रमुखों को ये भी सुनिश्चित करना है कि स्कूल साफ-सफाई, क्लास रूम की सुन्दरता, स्कूल बिल्डिंग के रखरखाव को लेकर भी एक न्यूनतम बेंचमार्क तैयार करें। उन्होंने कहा कि श्दिल्ली सरकार का उद्देश्य अपने स्कूलों में आने वाले सभी बच्चों को सीखने के लिए एक सम्मानजनक स्थान देना है और यदि हम ये सुनिश्चित नहीं कर पाए तो यह उन बच्चों के साथ अन्याय होगा जिन्होंने हमारे स्कूलों को किसी दुसरे स्कूल के विकल्प में चुना है।

माइंडसेट करिकुलम के बेहतर क्रियान्वयन पर दिया जोर

दिल्ली सरकार द्वारा सपने स्कूलों में शुरू किए गए तीनों माइंडसेट करिकुलम पर चर्चा करते हुए सिसोदिया ने कहा कि हर दौर की अपनी एक जरुरत रही और तब स्कूलों में उस दौर के अनुसार करिकुलम डिजाइन किए गए और बच्चों को वो सिखाया गया। ठीक उसी तरह वर्तमान की चुनौतियों को देखते हुए हैप्पीनेस करिकुलम, एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम व देशभक्ति करिकुलम इस दौर की जरुरत है। जहां हम अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में एक ग्रोथ माइंडसेट विकसित कर उन्हें सोचना सीखाना है, उनकी आदतें बदलनी है। इसलिए अब ये बेहद जरुरी है कि हम स्कूल के खुलने के बाद दोबारा प्रतिबद्धता के साथ अपने क्लासरूम में इन करिकुलम को अपनाए।