Delhi Assembly Elections, अजीत मेंदोला, (आज समाज) नई दिल्ली: लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी के अरविंद केजरीवाल पर सीधे हमले के बाद अब कांग्रेस आम आदमी पार्टी की सत्ता की वापसी की राह मुश्किल कर सकती है। कांग्रेस अगर आप को सत्ता में आने से रोकने ने सफल रहती है तो राहुल गांधी को ताकत मिलेगी। आप की हार से कांग्रेसियों का मनोबल बढ़ेगा भले ही बीजेपी सरकार बना ले।
पहली बार चुनाव में फंसते दिख रहे केजरीवाल
राहुल के हमले के बाद आम आदमी पार्टी और उसके सर्वोच्च नेता अरविंद केजरीवाल पहली बार चुनाव में फंसते दिख रहे हैं। अभी तक बीजेपी ही अकेले पूरी ताकत से घेर रही थी। गत दिवस कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी ने भी कड़ा हमला बोल उनकी घेराबंदी शुरू कर दी है। पार्टी की तरफ से पहली बार राहुल ने केजरीवाल पर सीधा हमला बोला। कांग्रेस धीरे-धीरे ही सही लेकिन मुकाबले में दिखने लगी है।
पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले कांग्रेस अपना वोट प्रतिशत में 10 से 15 तक भी बढ़ाने में सफल होती है तो यह आम आदमी पार्टी के लिए बुरी खबर होगी, क्योंकि कांग्रेस एक तरह से आम आदमी पार्टी से अपना वोट वापस लेगी, जिसका सीधा लाभ बीजेपी को मिलेगा। बीजेपी को पिछले विधानसभा चुनाव में 38% वोट मिला था, जबकि आप को 53% से ज्यादा वोट मिला था।
कम होता नहीं लगता बीजेपी का वोट : जानकार
जानकार मानते हैं कि बीजेपी का वोट प्रतिशत कम होगा लगता नहीं है। उसका वोट फिक्स है, क्योंकि लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने लोकसभा की सभी सातों सीटें जीत विधानसभा की 52 सीटों पर बढ़त बनाई है। अभी जो माहौल है लगता नहीं है कि आप पार्टी पुराना करिश्मा दोहराएगी। कांग्रेस का वोट बैंक अगर वापस लौटा तो आप के वोट प्रतिशत में भारी गिरावट आ सकती है।इसके चलते आम आदमी पार्टी की सत्ता में वापसी मुश्किल हो जाएगी। इसी के चलते कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने आम आदमी पार्टी के सभी प्रमुख नेताओं की ठीक ठाक घेराबंदी कर दी है।
आतिशी के लिए भी बहुत आसान नहीं राह
कांग्रेस के रणनीतिकारों की अब यही कोशिश है कि जैसे तैसे आप को हराया जाए जिससे उनके लिए केजरीवाल फिर सरदर्द न बने। जो माहौल बन रहा है उसमें आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली में फंसे दिख रहे हैं। कालकाजी सीट पर मुख्यमंत्री आतिशी के लिए भी इस बार राह बहुत आसान नहीं रहने वाली है। कायदे से केजरीवाल और उनकी पार्टी पहली बार चुनाव में घिर गई हैं। इससे पूर्व के सभी तीनों चुनाव अकेले केजरीवाल के चेहरे पर लड़े जाते थे। चुनाव की घोषणा के दिन से ही मान लिया जाता था कि चुनाव एक तरफा है। आप पार्टी जीत रही है। पहली बार ऐसा हो रहा है कि केजरीवाल का फेस जिताऊ की गारंटी नहीं रहा।
भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल जाने के बाद बदली स्थिति
भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल जाने के बाद स्थिति पूरी तरह से बदल गई है। केजरीवाल गरीब,झुग्गी वालों और अल्पसंख्यकों के भरोसे वापसी की उम्मीद लगाए हुए थे, लेकिन राहुल गांधी ने जिस तरह उन्हें गरीब विरोधी बता हमला बोला, कहीं ना कहीं चुनाव दिलचस्प की और बढ़ रहा है। राहुल ने एक तरह से केजरीवाल को गरीबों और पिछड़ों का विरोधी बता आप के परंपरागत वोटरों को टारगेट किया है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि अरविंद केजरीवाल ने आज तक अडानी के मामले में कभी कोई टिप्पणी नहीं की।
राहुल संग खड़ा नहीं होता विपक्ष का कोई भी नेता
विपक्ष का कोई भी नेता अडानी मामले में राहुल गांधी के साथ खड़ा नहीं होता है, लेकिन दिल्ली चुनाव में कांग्रेस अल्पसंख्यकों, झुग्गी झोपड़ी वाले इलाकों को टारगेट कर केजरीवाल के वोटरों पर सेंध लगाने में सफल होती है तो आप के लिए बड़ा झटका होगा। राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर लोकसभा चुनावों की तर्ज पर हमला जरूर बोला, लेकिन असल नजर आम आदमी पार्टी पर हमले को लेकर थी।
सीलमपुर में हुई जनसभा ने कार्यकर्ताओं में भरा जोश
लोकसभा चुनाव के बाद से राहुल गांधी और कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं ने आप और केजरीवाल को लेकर चुप्पी साधी हुई थी, जिससे दिल्ली के कांग्रेसियों में बेचैनी थी। लेकिन सोमवार को सीलमपुर में हुई जनसभा ने कांग्रेसियों की बेचैनी तो दूर की साथ ही कार्यकर्ताओं में जोश भी भर दिया।अभी तक अजय माकन,संदीप दीक्षित और अलका लांबा जैसे नेता ही केजरीवाल पर खुल कर हमला करते थे अब पूरी कांग्रेस केजरीवाल को खुल कर टारगेट करेगी।
केजरीवाल को घेरने में पूरी ताकत लगाएगी पार्टी
कांग्रेस नई दिल्ली सीट पर केजरीवाल को घेरने में अब पूरी ताकत लगाएगी। कांग्रेस ने संदीप दीक्षित को टिकट दे केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।बीजेपी भी प्रवेश वर्मा को पूरी ताकत से लड़ा रही है।इन हालात में केजरीवाल घिर गए हैं।मुख्यमंत्री आतिशी को कांग्रेस की अलका लांबा और बीजेपी के रमेश बिधूड़ी ने घेरा हुआ है।मनीष सिसौदिया सीट बदलने के बाद से फंसे हुए हैं। पहली बार दिल्ली चुनाव में किसी पार्टी की कोई लहर नहीं है।
ये भी पढ़ें : Delhi CAG Report: हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कैग रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग