Delhi Elections: बीजेपी के बिछाए जाल में फंसे आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल

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Delhi Elections: बीजेपी के बिछाए जाल में फंसे आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल
Delhi Elections: बीजेपी के बिछाए जाल में फंसे आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल

Delhi Assembly Elections, अजीत मेंदोला, (आज समाज), नई दिल्ली: दिल्ली का चुनाव अंतिम दौर में पहुंचते पहुंचते बहुत ही दिलचस्प हो गया है। लगातार तीन बार से चुनाव जीतने वाली आम आदमी पार्टी (आप) को बीजेपी ने इस बार उसे उसी के बिछाए जाल में फंसा चुनाव को टक्कर में ला दिया है। आसानी से चुनाव की वैतरणी पार करने वाले अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी इस बार फंस गई है।

इंडिया गठबंधन का भविष्य भी दांव पर

विपक्ष की राजनीति के लिए भी दिल्ली का यह चुनाव बहुत महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि इंडिया गठबंधन के सभी प्रमुख घटक दल जहां आम आदमी पार्टी के साथ खड़े हैं, वहीं कांग्रेस अकेले मैदान में है। एक तरह से इस इंडिया गठबंधन का भविष्य भी दांव पर लग गया है।

बीजेपी को रोकना घटक दलों के लिए चुनौती

इंडिया गठबंधन को बचाने के लिए दिल्ली में बीजेपी को रोकना घटक दलों के लिए चुनौती बन चुका है। विपक्ष दिल्ली चूका तो संसद में भी दादागिरी खत्म हो जाएगी।2024 के आम चुनाव में मिली मामूली सफलता के बाद से विपक्ष काबू में नहीं है। 18वीं लोकसभा के अभी तक हुए संसद सत्रों में विपक्ष एक जुट हो सरकार पर हमलावर बना हुआ है, लेकिन अब दिल्ली तेवर ढीले कर सकता है।

केजरीवाल और राहुल गांधी में बनी लंबी दूरी

संसद में अभी तक आम आदमी पार्टी कांग्रेस के साथ कंधे से कंधा मिला साथ खड़ी दिखती थी। समाजवादी पार्टी और तमाम दूसरे विपक्षी दल भी एक जुट दिखाने की कोशिश करते थे, लेकिन दिल्ली चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता एक दूसरे पर जिस तरह गंभीर आरोप लगा रहे हैं उसके बाद लगता नहीं है कि राहुल और केजरीवाल अब साथ दिखाई देंगे।

उत्तर प्रदेश की राजनीति पर भी असर

दिल्ली का चुनाव उत्तर प्रदेश की राजनीति पर भी असर डालता दिख रहा है। राहुल गांधी और अखिलेश यादव की दोस्ती पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं, क्योंकि अखिलेश ने राहुल का साथ छोड़ अरविंद केजरीवाल का हाथ पकड़ा हुआ है। खुल कर साथ प्रचार भी कर रहे हैं। इंडिया गठबंधन के घटक दलों को शायद यह उम्मीद है कि केजरीवाल बीजेपी के जीत का रथ रोक सकते हैं। बीजेपी इस बार जिस ढंग से चुनाव लड़ रही है लगता नहीं है कि आम आदमी पार्टी जीत की दहलीज तक भी पहुंच पाएगी।

बीजेपी ने ‘आप’ को उसी के दांव में फंसाया

बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को उसी के दांव में फंसा दिया है। आप के जितने मुद्दे थे बीजेपी ने उन्हें अपना आप को मुद्दा विहीन कर दिया है।गरीबों को लुभाने में बीजेपी आप पर भारी पड़ती दिख रही।संघ बीजेपी की योजनाओं को घर घर तक पहुंचाने में जुटा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खुद मोर्चा संभाल आप को घेरे में ले लिया है।प्रधानमंत्री मोदी ने द्वारका की एक रैली में यहां तक कह दिया कि वह खुद दिल्ली पर विशेष ध्यान देंगे।

पीएम की रैली में उमड़ती भीड़ बदलाव का संकेत

पीएम की रैली में उमड़ती भीड़ बदलाव का संकेत मानी जा रही है।आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल के बयान भी बता रहे हैं कि मामला फंस गया है।केजरीवाल का यह कहना जमुना जी में जहर मिला दिया खीजने वाला बयान माना जा रहा है।सपा नेता अखिलेश के अलावा घटक दल का दूसरा कोई नेता चुनाव प्रचार में नहीं आया।बीजेपी ने अपनी सबसे अहम रणनीति का दांव प्रचार के अंतिम दिनों में चल केजरीवाल की परेशानी बढ़ा दी।

आप के 8 विधायकों के इस्तीफे से हलचल

आप के 8 विधायकों के इस्तीफे से पार्टी में हलचल है।सूत्र बताते हैं मतदान करीब आते आते संख्या बढ़ सकती है।कई ओर नेता पार्टी छोड़ सकते हैं।केजरीवाल अंतिम समय में अहसाय दिख सकते हैं।कांग्रेस भी अपना अस्तित्व बचाने के लिए आप को हराने के लिए पूरी ताकत लगाए हुए है।कांग्रेस भी जानती है कि केजरीवाल का हारना उनके अस्तित्व के लिए जरूरी है, वर्ना केजरीवाल के विपक्ष का नेता बनने में देरी नहीं लगेगी। इसलिए राहुल, प्रियंका गांधी सभी नेता अंतिम दौर में कोशिश में जुट गए हैं।

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