Delhi Cyber Crime: 100 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का पर्दाफाश, नेटवर्क का सरगना चीनी नागरिक दिल्ली से गिरफ्तार

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Delhi Cyber Crime: 100 करोड़ की धोखाधड़ी का पर्दाफाश, नेटवर्क का सरगना चीनी नागरिक गिरफ्तार
Delhi Cyber Crime: 100 करोड़ की धोखाधड़ी का पर्दाफाश, नेटवर्क का सरगना चीनी नागरिक गिरफ्तार
  • अकाउंटेंट से 43.5 लाख रुपए से अधिक की ठगी की

100 Crore Fraud Case, (आज समाज), नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में पुलिस ने एक चीनी नागरिक को पकड़कर 100 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के वैश्विक साइबर अपराध का भंडाफोड़ किया है। पूर्वी दिल्ली की शाहदरा साइबर पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान फेंग चेनजिन के रूप में की गई है और वह इस नेटवर्क का सरगना है। शाहदरा के डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि फेंग चेनजिन ने एक पीड़ित से 43.5 लाख रुपए से अधिक की ठगी की है। डीसीपी के मुताबिक उसने ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग घोटाले के माध्यम से व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए निजी तौर पर लोगों को ठगा है।

फेंग चेनजिन दो अन्य मामलों में संलिप्त 

प्रशांत गौतम के मुताबिक आगे की  जांच में पाया गया है कि फेंग चेनजिन ऐसे ही दो अन्य मामलों में संलिप्त था। मनी लॉन्डिंग और साइबर क्राइम के इन दो मामलों में एक उत्तर प्रदेश और एक आंधप्रदेश का है। इसके अलावा, साइबर क्राइम पोर्टल पर 17 आपराधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं, जो सभी एक ही फिनकेयर बैंक खाते से जुड़ी हैं, जिसमें धोखाधड़ी की कुल राशि 100 करोड़ रुपए से अधिक है।

इस तरह की 43.5 लाख रुपए की ठगी 

एक रिपोर्ट के मुताबिक, चेनजिन ने कथित तौर पर एक अकाउंटेंट से 43.5 लाख रुपए ठगे। अकाउंटेंट अज्ञात लोगों के आमंत्रण पर फरवरी और मार्च में दो अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल हुआ था। इसके बाद उसने ग्रुप में कई सत्रों में भाग लिया, जिसमें शेयर खरीदने और बेचने के लिए बाजार विश्लेषण पर प्रशिक्षण दिया गया। जल्द ही उसे शेयरों में ट्रेडिंग करके पैसा लगाने का लालच दिया गया। आखिरकार उसने कई खातों में करीब 43.5 लाख रुपए जमा कर दिए।

अकाउंटेंट ने जुलाई में दर्ज कराई थी शिकायत

अपना निवेश वापस न मिलने पर अकाउंटेंट ने जुलाई में शिकायत दर्ज कराई। सूत्रों के अनुसार जांचकर्ता बैंक ट्रांजैक्शन, पते, मोबाइल रिकॉर्ड और अन्य साक्ष्यों की जांच के बाद आरोपी की पहचान करने में सक्षम थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि खाता दूसरे नाम से था, जिसका कार्यालय मुंडका में था। हालांकि, अपराध में इस्तेमाल किया गया मोबाइल नंबर दूसरे नाम से पंजीकृत था, जबकि पता दूसरे नंबर से जुड़ा था, जिसे ढूंढा नहीं जा सका। कॉल डेटा विश्लेषण में सामने आया कि जुड़े नंबरों में से एक सक्रिय था। इस नंबर का पता ग्रेटर नोएडा से लगाया गया।

तमिलनाडु के सरकारी डॉक्टर से 76.5 लाख की ठगी

एक अन्य मामले में, तमिलनाडु के एक सरकारी डॉक्टर से शेयर बाजार मार्गदर्शन का वादा करने वाले यूटयूब विज्ञापन पर क्लिक करके 76.5 लाख रुपए की ठगी की गई। एक रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित ने आॅनलाइन ट्रेडिंग मार्गदर्शन को बढ़ावा देने वाले यूटयूब विज्ञापन पर क्लिक किया। विज्ञापन से, उसे एक व्हाट्सएप ग्रुप पर रीडायरेक्ट किया गया, जहां कई व्यक्ति निवेशक बनकर शेयर बाजार की रणनीतियों पर चर्चा कर रहे थे और कथित मुनाफे के स्क्रीनशॉट साझा कर रहे थे।

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