Delhi News : दिल्ली की अदालत ने दिए बीमा कंपनियों को सख्त निर्देश

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Delhi News : दिल्ली की अदालत ने दिए बीमा कंपनियों को सख्त निर्देश
Delhi News : दिल्ली की अदालत ने दिए बीमा कंपनियों को सख्त निर्देश

कहा, उम्र पूरी कर चुके वाहनों का पंजीकरण और बीमा के लिए इंश्योरेंस कंपनी होगी जिम्मेदार

Delhi News (आज समाज), नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में एक तरफ जहां सरकार प्रदूषण कम करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से पुराने वाहनों को सड़कों से हटा रही है। वहीं उसने इन वाहन मालिकों के साथ-साथ पेट्रोल पंप संचालकों और बीमा कंपनियों के लिए भी सख्त हिदायतें जारी की हुई हैं। वहीं अब पुराने वाहनों से संबंधित पॉलिसी के तहत दिल्ली की अदालत ने बीमा कंपनियों के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। दरअसल गत दिवस कड़कड़डूमा स्थित मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने पुराने वाहन से दुर्घटना होने पर पीड़ित परिवार के लिए 72.98 लाख रुपये मुआवजा राशि तय की और स्पष्ट किया है कि यदि ऐसे वाहन का पंजीकरण व बीमा कागजात निरस्त नहीं किया जाता है तो बीमा कंपनी स्वयं भुगतान करेगी।

मुआवजा देने से बचना चाहती थी बीमा कंपनी

इस मामले में बीमा कंपनी ने मुआवजा देने से बचने के लिए वाहन की आयु को आधार बनाया था। न्यायाधिकरण ने कहा कि एनजीटी के आदेश के बाद पुराने वाहन को सड़क पर लाने वाले व्यक्ति को अवमानना का उत्तरदायी ठहराया जा सकता है। शाहदरा के छज्जुपुर में रहने वाले कारोबारी अनिल कुमार का 28 फरवरी 2018 को गाजियाबाद जिले के साहिबाबाद थाना क्षेत्र के तुलसी निकेतन पुलिस चैकी अंतर्गत सिकंदरपुर कट पर सड़क हादसा हुआ था।

रिकॉर्ड के मुताबिक, वह मोटरसाइकिल पर सवार होकर साहिबाबाद डीएलएफ से शालीमार गार्डन जा रहे थे। सिकंदरपुर कट पर यू-टर्न लेते समय हरियाणा नंबर प्लेट वाले ट्रक ने उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। इसमें अनिल गंभीर रूप से घायल हो गए।

मार्च 2018 का था मामला

एक मार्च 2018 को जीटीबी अस्पताल में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। अनिल की छज्जुपुर में क्रॉकरी की दुकान थी। इस हादसे के मामले में साहिबाबाद थाने में एफआईआर भी दर्ज हुई थी। मृतक की पत्नी अंजना कुमारी ने दो बेटों व सास ओमवती के साथ मिलकर मई 2018 में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में मुआवजे के लिए केस दायर किया था।

इस केस में बीमा कंपनी ने अपने बचाव में कहा कि हादसे में शामिल डीजल ट्रक की मियाद एनजीटी के आदेशानुसार समाप्त हो चुकी थी। उसके रजिस्ट्रेशन पत्र के अनुसार ट्रक का रोड टैक्स जनवरी 2016 तक था और फिटनेस 20 नवंबर 2016 तक की ही थी। सभी पक्षों और साक्ष्यों पर विचार करने के बाद ट्रिब्यूनल ने मृतक के आश्रितों के लिए ब्याज सहित 72 लाख 98 हजार 359 रुपए का मुआवजा तय करने का फैसला सुनाया।

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