स्कूलों के आसपास ध्वनि प्रदूषण को किया जाएगा नियंत्रित

Delhi CM News (आज समाज), नई दिल्ली : दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता का पूरा प्रयास है कि वह दिल्ली में स्कूली शिक्षा और व्यवस्था का पिछली सरकार की अपेक्षा और भी ज्यादा बेहतर करें। पिछले दिनों जहां दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी के लिए मुक्त कोचिंग के लिए एक बड़ा समझौता किया है।

वहीं गत दिवस दिल्ली सीएम ने एक और अहम आदेश जारी करते हुए सभी निजी और सरकारी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे ध्वनि प्रदूषण पर अंकुश लगाने के प्रयासों के तहत शिक्षण संस्थानों के आसपास अनाधिकृत पार्किंग और अनावश्यक हॉर्न बजाने के मुद्दों को संबोधित करने के लिए पुलिस को पत्र लिखें। जारी एक आदेश में दिल्ली शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने स्कूलों को ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लागू किए गए उपायों पर एक ‘कार्रवाई रिपोर्ट’ (एटीआर) तैयार करने और इसे प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

सीपीसीबी ने नियम 2002 को लागू करने के लिए लिखा पत्र

डीओई के निर्देश के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने एसएचओ को पत्र लिखकर और एटीआर तैयार करके स्कूलों में ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2002 को लागू करने के संबंध में एक पत्र जारी किया। रोहिणी में सॉवरेन स्कूल के अध्यक्ष आरएन जिंदल ने स्कूल परिसर के पास अनाधिकृत पार्किंग के कारण आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘हमारा स्कूल एक आवासीय क्षेत्र में स्थित है और रात भर पार्किंग करने से सुबह आसपास की सफाई करने में बड़ी मुश्किलें आती हैं।

दिल्ली में स्कूलों के लिए बड़ी मुश्किल यह भी

दिल्ली में बहुत सारे स्कूलों के लिए यह बड़ी परेशानी का सबब है कि वे घनी आबादी में स्थित हैं। उन क्षेत्रों में र्पाकिंग की व्यवस्था न होने के चलते स्कूलों के चारों तरफ रात के समय वाहनों का जमावड़ा हो जाता है। सुबह के समय जब स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई का समय होता है तो वाहनों को निकालते समय वहां पर काफी परेशानी होती है इसी वजह से वाहन चालक हॉर्न का खून इस्तेमाल करते हैं जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है।

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