Delhi Air Pollution: दिल्ली में 256 पहुंचा एक्यूआई, अभी और बढ़ेगा ‘सांसों’ पर संकट

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दिल्ली में 256 पहुंचा एक्यूआई, अभी और बढ़ेगा ‘सांसों’ पर संकट

Aaj Samaj (आज समाज), Delhi Air Pollution, नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दशहरे के अगले दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) पिछले साल की तुलना में ज्यादा खराब था, लेकिन 2021 से तुलना में यह बेहतर था। मंगलवार को दशहरे वाले दिन राजधानी में एक्यूआई 220 था, जो बुधवार को 243 पहुंच गया। इसके बाद आज फिर इसमें इजाफा हुआ और यह बढ़कर 256 हो गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक 2022 में दशहरे के दिन एक्यूआई 211 (खराब) श्रेणी में था।

प्रतिबंध के बावजूद कुछ जगहों पर पटाखे जलाए

विशेषज्ञों के अनुसार दशहरा अक्टूबर के अंत में पड़ने की वजह से एक्यूआई बिगड़ा। एक रिपोर्ट के अनुसार प्रतिबंध के बावजूद कुछ जगहों पर पटाखे जलाए गए और इस वजह से भी एक्यूआई खराब स्थिति में चला गया। एक रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को हवा की गति बढ़ने के कारण हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में नहीं पहुंची। बता दें कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने 1 अक्टूबर से 1 जनवरी 2024 तक ग्रीन सहित सभी प्रकार के पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।

शनिवार तक खराब रह सकती है वायु गुणवत्ता

मौसम विभाग के अनुसार तेज हवाएं व आसपास के इलाकों में बारिश होने के कारण मंगलवार को दिल्ली में एक्यूआई में सुधार हुआ। 2021 में, दशहरे के दिन एक्यूआई मध्यम श्रेणी में 198 था, लेकिन अगले दिन यह बढ़कर खराब श्रेणी में 284 हो गया। प्रारंभिक चेतावनी सिस्टम के अनुसार, दिल्ली में शनिवार तक वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में रहने की संभावना है।

बुधवार को पंजाब में पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के अनुसार आसपास के राज्य उत्तर प्रदेश, हरियाणा व पंजाब में पराली जलाने का सिलसिला भी जारी है। संस्थान द्वारा एकत्रित किए गए आंकड़ों के मुताबिक बुधवार को पंजाब में सबसे ज्यादा 398 पराली जलाने के मामले सामने आए। वहीं हरियाणा में 58 और यूपी में 30 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गईं। मंगलवार को हरियाणा और उत्तर प्रदेश में धान के अवशेष जलाने की क्रमश: 70 और 38 घटनाएं दर्ज की गई।

अस्पतालों में बढ़ रही मरीजों की संख्या

दिल्ली-एनसीआर में बिगड़ते वायु प्रदूषण के चलते अस्पतालों में रोगियों की संख्या भी बढ़ने लगी है। प्रदूषण के कारण रोगों के कई लक्षणों में इजाफा हुआ है, जिनमें खांसी, सांस फूलना, कंजेशन, लगातार सिरदर्द, थकान और बहुत कुछ शामिल है। जो लोग पहले से फेफड़ों से संबंधित बीमारियों, अस्थमा, या क्रॉनिक आॅब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज से पीड़ित हैं, उनमें लक्षण बदतर होते जा रहे हैं।

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