संजीव कुमार, रोहतक :
राज्य सरकार वृद्ध पैंशनरों की जरूरी मांगे पिछले 7 वर्षों से लटका रही है। जिनको लेकर हरियाणा स्टेट पैंशनर्ज समाज का एक प्रतिनिधिमंडल 23 अगस्त को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलेगा। अगर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनकी मांगे नहीं मानी तो प्रदेश के हजारों वृद्ध सडकों पर उतरकर सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजायेंगे। यह ऐलान आज स्थानीय मैना पर्यटक केंद्र पर आयोजित एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए हरियाणा स्टेट पैंशनर्ज समाज के कार्यकारी अध्यक्ष देवराज नांदल ने किया। देवराज नांदल ने कहा कि भाजपा ने चुनाव पूर्व पैंशनरों से वायदा किया था कि उनकी मांगों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जायेगा लेकिन आज 7 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी उनकी मांगे पूरी नहीं हुई हैं। जिस कारण प्रदेश के पैंशनर समाज में भारी रोष है। उन्होंने कहा कि पैंशनरों ने प्रदेश के मंत्रियों, विधायकों को अपना मांग पत्र सौंपे हैं और अब 23 अगस्त को इस अभियान का समापन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को सौंप कर होगा। इस अवसर पर उनसे मांग की जाएगी कि पैंशनरों की मांगों को तुरन्त प्रभाव से पूरा किया जाये। अगर मुख्यमंत्री ने मांगों को पूरा करने का ऐलान नहीं किया तो पैंशनर समाज सडकों पर उतरने को मजबूर होगा।
प्रांतीय अध्यक्ष के.एल. निझावन ने बताया कि उनकी मुख्य मांगों में 65, 70, 75 वर्ष की आयु पर 10, 15 व 20 प्रतिशत पैंशन वृद्धि कस नियम बनाया जाये। ऐसे नियम पंजाब और अन्य कई प्रान्तों में पहले से ही बने हुए हैं और हरियाणा में 80 वर्ष की पूर्ण अवधि पर वृद्धि दी जाती है, जो 65 वर्ष की आयु से शुरू की जाए। 18 महीने का महंगाई भत्ता का बकाया 6 प्रतिशत ब्याज समेत सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार हरियाणा के पैंशनर्स पर भी लागू किया जाए ताकि मुकदमेंबाजी से बचा जा सके।
पैंशनर्स/कर्मचारी की समस्याओं पर विचार हेतू केन्द्र सरकार की तर्ज पर जे.सी.एम. का गठन किया जाए। फैमिली पैंशनर्स को भी पैंशनर्स की तरह एल.टी.सी. की सुविधा दी जाए। पैंशनर्स की कैमूटेशन की किस्तों को 15 वर्ष से घटाकर 10 वर्ष किया जाए क्योंकि कर्ज पर अब ब्याज पहले से बहुत कम हो चुका है तथा पैंशनरों को कैमूटेशन राशि का ब्याज बहुत महंगा पड़ता है। पैंशनर्स को आयकर मुक्त किया जाए। बुढ़ापा पैंशन मान-सम्मान भत्ता है इसलिए इस पर 2 लाख वार्षिक आय की शर्त हटाई जाये। जैसा कि आरम्भ में 60 वर्ष आयु के अलावा कोई शर्त नहीं थी। पूर्व ऐडिड स्कूलों के सेवानिवृत्त स्टाफ को सातवां पे-कमिशन की सिफारिशों के अनुसार उसे लागू किया जाए और नोशनल पैंशन निर्धारित की जाए। केन्द्र के आदेशानुसार 2009 से पहले के सेवानिवृत्त पैंशनभोगियों को अन्तिम वेतन का 50 प्रतिशत पैंशन का सभी को लाभ दिया जाये। हरियाणा सरकार द्वारा कर्मचारियों के लिए जो भी आदेश जारी होते हैं उन्हें विश्वविद्यालय, सभी निगम व बोर्डों पर साथ-साथ लागू होने चाहिए। ए.सी.पी. मिलने के बावजूद भी उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार प्रमोशन पर प्रोत्साहन के लिए एक वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए। कर्मचारियों की नई पैंशन स्कीम को बंद करके पुरानी पैंशन स्कीम को बहाल किया जाये। कैशलेस मैडिकल स्कीम को लागू करने के लिए स्पष्ट एवं पूर्ण आदेश शीघ्र जारी किये जायें आदि प्रमुख हैं। पत्रकार वार्ता में मुख्य रूप से महासचिव ईश्वर सिंह सैनी, उपाध्यक्ष आनंद स्वरूप, वित्त सचिव तूही राम शर्मा, संगठन सचिव चन्द्रभान शर्मा, जिला प्रधान राजबीर बजाड़ आदि मौजूद रहे।