बेंगलुरु। कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार के 11 विधायकों ने शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय में अपना इस्तीफा सौंप दिया। इससे 13 माह पुरानी एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार की स्थिरता का संकट गहरा गया है। यदि इन विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो सत्तारूढ़ गठबंधन 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत खो देगा। कांग्रेस के आठ और जद (एस) के तीन विधायकों के अपना इस्तीफा सौंपने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय पहुंचने और बाद में राजभवन में राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात करने के बाद गठबंधन सरकार की स्थिरता का संकट गहरा गया है। दरअसल, हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में राज्य में भाजपा के शानदार प्रदर्शन के बाद से गठबंधन सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे थे।
विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार उस वक्त अपने कार्यालय में नहीं थे, जब विधायक वहां पहुंचे। हालांकि उन्होंने इस्तीफों की पुष्टि की और कहा, ‘‘सरकार गिरेगी या बरकरार रहेगी, इसका फैसला विधानसभा में होगा।’’ इसबीच, आखिरी कोशिश के तहत कांग्रेस के “संकटमोचक” एवं मंत्री डी के शिवकुमार ने विधायकों से मुलाकात की और उन्हें मनाने की कोशिश की। इस हफ्ते की शुरूआत में कांग्रेस के एक अन्य विधायक आनंद सिंह ने भी स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंपा था। विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन का संख्या बल स्पीकर के अलावा 118 — कांग्रेस-78, जद(एस)-37, बसपा-1 और निर्दलीय-2 विधायक — है। इसमें वे विधायक भी शामिल हैं जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है। सदन में भाजपा के 105 विधायक हैं। सरकार बनाने के लिए आवश्यक सीटों की संख्या 113 है। जिन विधायकों को स्पीकर के कार्यालय में देखा गया, उनमें कांग्रेस के रमेश जरकीहोली (गोकक), प्रताप गौड़ा पाटिल (मास्की), शिवराम हेब्बार (येलापुर), महेश कुमाथल्ली (अथानी), बीसी पाटिल (हिरेकेरुर), बिरातिबासवराज (के आर पुरम), एस टी सोम शेखर (यशवंतपुर) और रामलिंग रेड्डी (बीटीएम लेआउट) शामिल हैं। जद (एस) के विधायकों में ए एच विश्वनाथ (हुंसुर), नारायण गौड़ा (के आर पेट) और गोपालैया (महालक्ष्मी लेआउट) शामिल हैं। विश्वनाथ ने हाल ही में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘11 विधायकों ने कार्यालय में अपना इस्तीफा सौंपा है।
मैंने अधिकारियों को (इस्तीफा) पत्र रख लेने और पावती देने के लिए कहा…मंगलवार को मैं कार्यालय जाऊंगा और नियमों के अनुसार आगे की कार्रवाई करूंगा।’’ सरकार के भविष्य के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कुमार ने कहा, ‘‘इंतजार कीजिए और देखिए, मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना…सरकार गिर जाएगी या बरकरार रहेगी, यह विधानसभा में तय होगा…।’’ उल्लेखनीय है कि सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं ने आशंका जताई थी कि भाजपा लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर सकती है। हाल ही में हुए आम चुनाव में राज्य की 28 लोकसभा सीटों में कांग्रेस और जद(एस), दोनों दल सिर्फ एक-एक सीट पर ही जीत हासिल कर पाए थे। भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी और एक सीट पर भगवा पार्टी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी।